Jayant Chaudhary Profile: राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के नेता जयंत चौधरी के बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के साथ जाने की अटकलें जोरों पर हैं. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए समाजवादी पार्टी के साथ बात नहीं बनने पर आरएलडी ने बीजेपी के साथ जाने की सोच रही है. हालांकि, आरएलडी या उसके नेता जयंत चौधरी की ओर से इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं गया है.


समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि जयंत चौधरी उत्तर प्रदेश की खुशहाली के लिए चल रहे संघर्ष को कमजोर नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, ''जयंत सुलझे हुए हैं और बहुत शिक्षित व्यक्ति हैं. वह राजनीति को समझते हैं. मुझे उम्मीद है कि वह किसानों के कल्याण और समृद्धि के लिए जारी संघर्ष को कमजोर नहीं होने देंगे.’’


बता दें कि समाजवादी पार्टी और आरएलडी ने इसी साल 19 जनवरी को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा की थी. समाजवादी पार्टी ने गठबंधन के तहत आरएलडी को सात सीटें दी हैं.


कौन हैं जयंत चौधरी?


जयंत चौधरी राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. वह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य हैं. उन्होंने 15वीं लोकसभा में मथुरा से सदस्य के रूप में भी काम किया था. 


जयंत चौधरी का जन्म 27 दिसंबर 1978 को अमेरिका के टेक्सास के डलास में हुआ था. उनके पिता का नाम अजित सिंह और माता का नाम राधिका सिंह है. जयंत चौधरी जाट समुदाय से आते हैं. वह मूल रूप से बुलंदशहर के भटौना के रहने वाले हैं.


जयंत चौधरी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री वेंकटेश्वर कॉलेज से ग्रेजुएशन की है. 2002 में उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से अकाउंटिंग और फाइनेंस में मास्टर डिग्री प्राप्त की.


जयंत चौधरी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत मथुरा से सांसद के रूप में की, जो कि जाट बहुल क्षेत्र है. वह भूमि अधिग्रहण मुद्दे पर प्रमुख प्रस्तावकों में से एक थे और उन्होंने लोकसभा में भूमि अधिग्रहण पर एक प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया था.


जयंत सिंह चौधरी वाणिज्य पर स्थायी समिति, वित्त पर सलाहकार समिति, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और सरकारी आश्वासनों पर समिति के सदस्य थे. उन्होंने पहले कृषि और वित्त पर स्थायी समितियों के साथ-साथ आचार समिति में भी काम किया है.


2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिर से मथुरा से चुनाव लड़ा था लेकिन बीजेपी उम्मीदवार हेमा मालिनी से अपनी सीट हार गए थे. जयंत चौधरी ने लखीमपुर खीरी की घटना को आतंकवादी हमले से कम नहीं कहा था, जहां वाहन से टक्कर मारकर किए गए हमले में 8 लोगों की मौत हो गई थी.


राज्यसभा सदस्य हैं जयंत चौधरी


मई 2023 में जयंत को समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा का सदस्य चुना गया था. जयंत चौधरी ने फैशन डिजाइनर चारू सिंह से शादी की है. वे दो बच्चों के माता-पिता हैं. जयंत चौधरी पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पोते और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह के बेटे हैं.


जयंत चौधरी जिस जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, वह परंपरागत रूप से आरएलडी का मुख्य वोट बैंक रहा है. जाट बहुल लोकसभा क्षेत्रों में मुजफ्फरनगर, कैराना, बिजनौर, मथुरा, बागपत, अमरोहा और मेरठ शामिल हैं, जिन पर आरएलडी के चुनाव लड़ने की संभावना है.


पिता अजित सिंह ने की थी अलग राज्य की मांग


जयंत चौधरी के पिता अजित सिंह ने ही 1996 में राष्ट्रीय लोकदल की स्थापना की थी. अजीत सिंह उत्तर प्रदेश का विभाजन कर तीन अलग राज्य बनाए जाने के हिमायती थे. उन्होंने अलग बुंदेलखंड, पश्चिमांचल (पश्चिमी यूपी) और पूर्वांचल (पूर्वी यूपी) राज्य के गठन की मांग की थी.


इंडियन एक्सप्रेस की 13 जुलाई 2015 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अजित सिंह ने यूपी के विभाजन की मुहिम चलाने वालों से एक साथ आने का आह्वान किया था. 12 जुलाई 2015 को उन्होंने विभिन्न संगठनों से हाथ मिलाने और एक साझा समन्वय समिति बनाने का आह्वान किया था ताकि इस उद्देश्य के लिए राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जा सके.


अजित सिंह ने लोगों से अपील की थी 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हीं पार्टियों के पक्ष में वोट करें जो यूपी के विभाजन का समर्थन करती हों. जयंत चौधरी के दादा चौधरी चरण सिंह एक बड़े किसान नेता देश के पांचवें प्रधानमंत्री थे.


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