बेंगलुरु: कर्नाटक में एक बार फिर राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रही है. सत्तारूढ़ दल जेडीएस और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के नेता बागी तेवर अपना रहे हैं. जेडीएस प्रदेश अध्यक्ष एएच विश्वनाथ ने अपने पद से त्यागपत्र देते हुये गठबंधन के कामकाज के तरीकों की आलोचना की है. वहीं, कांग्रेस के दो विधायकों ने लोकसभा में हार के लिए राज्य के नेताओं को निशाने पर लिया.
इन दोनों ही घटनाक्रम से साफ है कि एक साल पुरानी एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली सरकार की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. गठबंधन दल कैबिनेट विस्तार और मंत्रियों के विभागों में फेरबदल करके सरकार को बचाने की कोशिशों में लगे हुए हैं.
जेडीएस प्रदेश अध्यक्ष एएच विश्वनाथ का बयान
पार्टी के अहम मामलों में कथित तौर पर दरकिनार किए जाने से नाराज विश्वनाथ ने कहा, ‘‘मैं इस पराजय (पार्टी की) की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं.’’ एएच विश्वनाथ ने समन्वय समिति के प्रमुख सिद्धरमैया पर कांग्रेस और जेडीएस के मध्य समुचित समन्वय बनाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सरकार के सही ढंग से चलने के लिए यह समिति एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम नहीं बना सकी.
कांग्रेस विधायकों ने खुलकर जताई नाराजगी
कांग्रेस के खेमे से भी विरोध की आवाजें सुनाई दे रही हैं. वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. एक अन्य वरिष्ठ नेता रोशन बेग ने भी मंगलवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की आलोचना की. बेग पहले भी पार्टी नेताओं को खरीखोटी सुना चुके हैं. हालांकि बेग को पार्टी पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी कर चुकी है.
उधर चिकबल्लापुर के विधायक सुधाकर ने कहा है कि सिद्धरमैया सरकार में मंत्री रहे इन लोगों को गठबंधन सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया इसलिए अब वे ऐसी बाते कर रहे है. मौजूदा सरकार में 34 मंत्री हैं और इसमें कांग्रेस के 22 और जद(एस) के 12 सदस्य हैं. अभी इसमें तीन और लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है. इसमें जेडीएस के कोटे से दो और कांग्रेस के कोटे से एक को मंत्री बनाये जाने का प्रस्ताव हैं.
जेडीएस-कांग्रेस को लोकसभा में सिर्फ 2 सीटें
लोकसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद राज्य में किसी बड़े नेता का एएच विश्वनाथ के रूप में यह पहला इस्तीफा है. राज्य की 28 लोकसभा सीटों पर पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था पर उन्हें मात्र एक-एक सीट पर ही सफलता मिल पाई. बीजेपी 25 सीटों पर कामयाब रही. जबकि बीजेपी के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी सुमालता अंबरीश ने मांड्या से जीत हासिल की.
बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- निश्चित नहीं कि ममता बनर्जी की सरकार 2021 तक बनी रहेगी
देश भर में धूमधाम से मनाया जा रहा है शांति और भाईचारे का त्योहार ईद, राष्ट्रपति ने दी शुभकामनाएं
विदेश मंत्री जयशंकर को गुजरात से राज्यसभा भेज सकती है बीजेपी, रामविलास पासवान बिहार से बनेंगे सांसद