NDA Meeting in Delhi: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को बहुमत तो मिल गया है, लेकिन बीजेपी की इस बार गठबंधन में शामिल दलों पर निर्भरता बढ़ गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि बीजेपी को 2014 के बाद पहली बार अपने दम पर बहुमत नहीं मिला है. 


नरेंद्र मोदी के पीएम पद की शपथ लेने से पहले ही राजनीतिक गलियारों में अटकलें लगाई जा रही है कि चंद्रबाबू नायडु की तेलुगू देशम पार्टी (TDP) और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने कई अहम मंत्रालय मांगे हैं. इस बीच जेडीएस ने भी अपना रुख साफ किया है. 


जेडीएस ने क्या कहा?
जेडीएस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा, ''हम नरेंद्र मोदी के साथ हैं. मेरे अलावा पूरे देश को पीएम मोदी से काफी अपेक्षाएं हैं.''


बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के सांसदों की मीटिंग के लिए दिल्ली पहुंचे एचडी कुमारस्वामी से सवाल किया गया कि गठबंधन में शामिल कई दल कई मांग कर रहे हैं. इसको लेकर आपका क्या कहना है? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ''कोई मांग नहीं है. देश को स्थिर सरकार चाहिए.'' 






दरअसल एनडीए के पास 293 सांसद हैं, जो 543 सदस्यीय लोकसभा में बहुमत के 272 के आंकड़े से ज्यादा है, लेकिन बीजेपी के खाते में 240 सीटें गई है. ऐसे में केंद्र में सरकार के लिए गठबंधन में शामिल टीडीपी (16 सांसद) और जेडीयू (12 सांसद) काफी जरूरी है. वही, जेडीएस ने 2 सीटें हासिल की है.  


टीडीपी ने क्या मांग की है?
सूत्रों ने बताया कि टीडीपी ने 6 मंत्रालय मांगे हैं, वो इसको 5 करने के लिए राजी है. लोकसभा स्पीकर का पद भी चाहती है. 


जेडीयू क्या चाहता है? 
न्यूज एजेंसी पीटीआई से जेडीयू एक नेता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि पार्टी तीन मंत्रालय चाहती है. पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि नीतीश कुमार बड़े मंत्रालयों रेलवे, ग्रामीण विकास और कृषि जैसे विभागों की मांग कर सकते हैं.


इनपुट भाषा से भी.  


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