दिल्ली चुनाव: अगले हफ्ते पूरी ताकत झोंकेगी एनडीए, नीतीश और पासवान भी करेंगे रैली
दिल्ली में पहली बार बिहार में एनडीए गठबंधन की बाक़ी दोनों सहयोगी पार्टियां यानि जेडीयू और एलजेपी भी एक साथ चुनावी मैदान में है.दोनों पार्टियों के सबसे बड़े नेता भी चुनावी मैदान में ताल ठोंकने वाले हैं. इसमें सबसे ऊपर नाम आता है जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का.जेडीयू के उम्मीदवार संगम विहार और बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने अपना धुआंधार प्रचार अभियान शुरू कर दिया है. अबतक गृह मंत्री अमित शाह सबसे बड़े स्टार प्रचारक के तौर पर सामने आए हैं. शाह के अलावा पार्टी ने अपने 75 प्रमुख नेताओं को चुनावी अभियान में झोंक दिया है.. लेकिन इस बार दिल्ली में पहली बार बिहार में एनडीए गठबंधन की बाक़ी दोनों सहयोगी पार्टियां यानि जेडीयू और एलजेपी भी एक साथ चुनावी मैदान में है.
इसलिए अब दोनों पार्टियों के सबसे बड़े नेता भी चुनावी मैदान में ताल ठोंकने वाले हैं. इसमें सबसे ऊपर नाम आता है जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का. पार्टी सूत्रों के मुताबिक़ नीतीश कुमार अगले हफ्ते दिल्ली में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के साथ साथ कुछ ऐसे बीजेपी उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर सकते हैं जहां बिहार से आए लोगों की तादाद काफ़ी ज़्यादा है. जेडीयू के उम्मीदवार संगम विहार और बुराड़ी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में हैं. इसके अलावा लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान भी अगले हफ्ते चुनाव प्रचार में उतरेंगे.
तीनों दलों की हो सकती है संयुक्त रैली इसके अलावा तीनों दलों के शीर्ष नेताओं की एक संयुक्त रैली करने के संभावनाओं पर भी विचार हो रहा है. संयुक्त रैली में नीतीश कुमार और एलजेपी के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के अलावा बीजेपी से या तो गृह मंत्री अमित शाह या फ़िर राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा हिस्सा ले सकते हैं. हालांकि सूत्रों के मुताबिक़ अभी तक न तो इस रैली की तारीख़ तय हुई है और न ही स्थान.
दिल्ली के बहाने बिहार भी है निशाना दिल्ली में एकजुटता दिखाकर तीनों पार्टियां एक तीर से दो शिकार करने की कोशिश में हैं. दिल्ली में पूर्वांचली वोटरों की तादाद क़रीब 40 फ़ीसदी मानी जाती है और ये दिल्ली के कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव परिणाम प्रभावित करने की ताक़त रखते हैं. साथ ही , इस आबादी का एक बड़ा हिस्सा पिछड़ी जाति और दलित वर्ग से आता है. ज़ाहिर है नीतीश और पासवान जैसे नेताओं के सहारे इन वोटरों को साधने की कोशिश होगी. इस साल अक्टूबर - नवंबर में बिहार विधानसभा का अहम चुनाव होना है. दिल्ली में एकजुटता दिखाकर तीनों पार्टियां वहां भी एक राजनीतिक संदेश देना चाहती हैं.