जेडीयू ने प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को पार्टी से बर्खास्त किया, पीके बोले- सीएम बने रहने के लिए नीतीश कुमार को शुभकामनाएं
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्हें झूठा बताया थापवन वर्मा ने दिल्ली में बीजेपी के साथ जेडीयू के चुनाव लड़ने पर सवाल उठाया था
पटना: नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने प्रशांत किशोर पर कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया है. इसके साथ ही जेडीयू ने पवन वर्मा को भी पार्टी से बर्खास्त कर दिया है. प्रशांत किशोर ने कल ट्वीट करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को झूठा बता दिया था. जेडीयू ने अपने बयान में कहा कि प्रशांत किशोर और पवन वर्मा दोनों नेताओं ने पार्टी का अनुशासन तोड़ा है.
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार से कहा- भगवान अपना भला करे
जेडीयू से बर्खास्त किए जाने के बाद प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार का शुक्रिया अदा किया और कहा कि भगवान आपका भला करे. प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, ''धन्यवाद नीतीश कुमार. बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बने रहने के लिए आपको मेरी शुभकामनाएं. भगवान आपका भला करे.''
Thank you @NitishKumar. My best wishes to you to retain the chair of Chief Minister of Bihar. God bless you.????????
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) January 29, 2020
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को झूठा बताया
दरअसल, मंगलवार को नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि अमित शाह के कहने पर उन्होंने प्रशांत किशोर को जेडीयू में शामिल किया. इस बयान पर प्रशांत किशोर भड़क गए और उन्होंने नीतीश कुमार को झूठा बता दिया. प्रशांत किशोर ने ट्वीट करते हुए कहा, ''नीतीश कुमार, मुझे जेडीयू में क्यों और कैसे शामिल किया गया इसपर झूठ बोलना दिखाता है आप गिर गए हैं.. मुझे अपने जैसा बनाने की ये आपकी एक नाकाम कोशिश है. और अगर आप सच बोल रहे हैं तो कौन यकीन करेगा कि आप में इतनी हिम्मत है कि आप उसकी बात नहीं सुनें जिसे अमित शाह ने आपकी पार्टी में शामिल करवाया.''
पवन वर्मा ने सीएए पर नीतीश कुमार को रुख साफ करने को कहा था
इसके अलावा जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया. पिछले दिनों पवन वर्मा ने सीएए और एनआरसी को लेकर नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखी थी और इन मुद्दों पर अपना रुख साफ करने के लिए कहा था.'' पवन वर्मा ने दिल्ली के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के साथ जेडीयू के गठबंधन को लेकर भी सवाल खड़े किए थे. पवन वर्मा का कहना है कि जब नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के मुद्दे पर बीजेपी की पुरानी सहयोगी अकाली दल दिल्ली में उनके साथ चुनाव लड़ने से इनकार कर सकती है तो आखिर जेडीयू क्यों बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है.
जेडीयू का बयान
जेडीयू ने बयान जारी करते हुए कहा कि प्रशांत किशोर ने कई विवादास्पद बयान दिए जो पार्टी के निर्णय के खिलाफ है. इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया. वहीं पवन वर्मा को लेकर जेडीयू ने कहा कि उन्हें जितना सम्मान मिलना चाहिए था उससे अधिक सम्मान नीतीश कुमार ने दिया. पार्टी अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर उसकी बातों को सार्वजनिक करना दिखाता है कि उन्हें पार्टी का अनुशासन मंजूर नहीं है. जेडीयू ने कहा कि प्रशांत किशोर और पवन वर्मा के आचरण से साफ है कि वह पार्टी के अनुशासन की बंधन में नहीं रहना चाहते हैं और मु्क्त होना चाहते हैं. इसलिए दोनों नेताओं को तत्काल प्रभाव से प्राथमिक सदस्यता समेत दूसरी सभी जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाता है.