लिट्टी चोखा पर सियासत गरमाई, जेडीयू ने इसे बिहार के स्वाभिमान से जोड़ा
जेडीयू के सीनियर नेता केसी त्यागी ने कहा कि ये व्यंजन बिहार की पहचान है. लिट्टी चोखा को बिहार का गौरव और सम्मान माना जाता है. पीएम मोदी ने बिहार का मान बढ़ाया है. वहीं विपक्ष ने निशाना साधा है.
नई दिल्ली: तेजस्वी यादव समेत बिहार के तमाम विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिट्टी चोखा खाने पर तंज कसते हुए हमला किया था. तेज प्रताप यादव ने तो इसे बिहार के साथ धोखा करार दिया था. बुधवार को पीएम मोदी ने दिल्ली के हुनर हाट में लिट्टी चोखा का आनंद लिया था.
लिट्टी चोखा है बिहार का स्वाभिमान!
बिहार विधानसभा चुनाव ऐसे तो अक्टूबर-नवंबर में होना है लेकिन इस पर सियासत अभी से शुरू हो गई है और इसकी शुरुआत बिहार के प्रसिद्ध लजीज पकवान लिट्टी चोखा से हुई है. हुनर हाट में लिट्टी चोखा का आनंद लेते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर क्या वायरल हुई बिहार की राजनीति में गर्माहट आ गई है. जेडीयू ने इस घटना को बिहार के स्वाभिमान और गौरव से जोड़ दिया है. पार्टी के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने एबीपी न्यूज़ से कहा, "लिट्टी चोखा बिहार का स्वाभिमान और गौरव माना जाता है....बिहार की पहचान इस व्यंजन से है....पीएम ने ऐसा करके बिहार का मान बढ़ाया है."
विपक्ष का पीएम पर हमला
जेडीयू का बयान बिहार के उसके विरोधी दलों के नेताओं के बयान के बाद आया है जिसमें पीएम पर तंज़ कसते हुए उनपर सियासी वार भी किया गया था. विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने पीएम को धन्यवाद देते हुए बिहार से उनके द्वारा किए गए वादों की याद दिलाई गई. इनमें बिहार को विशेष राज्य के दर्ज़ का भी वादा याद दिलाया गया. वहीं तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने पीएम के लिट्टी चोखा खाने को धोखा क़रार दिया. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए पूछा कि जब चुनाव होता है तभी उन्हें बिहार की याद क्यों आती है?
जेडीयू का पलटवार
इन हमलों का जवाब देते हुए के सी त्यागी ने कहा कि अगर बिहार के किसी व्यंजन का गौरव पीएम कर रहे हैं तो विपक्ष को क्या परेशानी है. त्यागी के मुताबिक़ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वयं कहा था कि उन्हें उस दिन का इंतज़ार है जब देश के हर कोने की थाली में कोई बिहारी व्यंजन मिलेगा. ज़ाहिर है लिट्टी चोखे से शुरू हुई राजनीति में अभी और तड़का लगने वाला है.