उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की ‘अब्बा जान’ वाली विवादास्पद टिप्पणी पर जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Lalan Singh) ने मंगलवार को कहा कि राजनीतिक दलों को ‘‘संयमित भाषा’’ में बात करनी चाहिए. साथ ही उन्होंने इस बात पर बल दिया कि यह देश सभी का है वह चाहे हिंदू हो या मुसलमान या सिख या ईसाई. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले ललन सिंह ने यह बात राजधानी के जंतर-मंतर स्थित जनता दल (यूनाइटेड) कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कही.
ललन सिंह ने कहा, ‘‘कोई भी राजनीतिक दल हो, उसे संयमित भाषा में बात करनी चाहिए. यह देश सबका है. यह देश हिंदू, मुस्लिम, सिख ईसाई सभी भाइयों का है. इसीलिए इस देश में अनेकता में एकता की बात कही जाती है. ऐसी कोई बात नहीं होनी चाहिए, जिससे देश की एकता को नुकसान हो.’’
योगी आदित्यनाथ ने रविवार को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ‘अब्बा जान’ वाली टिप्पणी की थी. उर्दू में पिता के लिए ‘‘अब्बा जान’’ शब्द का उपयोग किया जाता है. समाजवादी पार्टी की पूर्ववर्ती सरकार का परोक्ष रूप से उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा था, ‘‘अब्बा जान कहने वाले गरीबों की नौकरी पर डाका डालते थे. पूरा परिवार झोला लेकर वसूली के लिए निकल पड़ता था. अब्बा जान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे. राशन नेपाल और बांग्लादेश पहुंच जाता था. आज जो गरीबों का राशन निगलेगा, वह जेल चला जाएगा.’’
ललन सिंह ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बिहार के विभिन्न इलाकों में बोले जाने वाली भोजपुरी और मगही भाषा को झारखंड की भाषा मानने से इंकार करने पर आड़े हाथों लिया और कहा कि हर किसी को देश के किसी भी हिस्से में रहने का अधिकार है.
मुंगेर से सांसद ललन सिंह ने इस अवसर पर यह स्पष्ट किया कि हरियाणा के जींद में भारतीय राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला द्वारा 25 सितंबर को अपने पिता चौधरी देवीलाल की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के महासचिव के सी त्यागी शामिल होंगे. उन्होंने कहा, ‘‘जनता दल यूनाइटेड एनडीए में है और मजबूती के साथ है. जींद में जो समारोह है वह देवीलाल जी की जयंती पर है. तीसरा मोर्चा या चौथा मोर्चा...इससे कोई लेना देना नहीं है. के सी त्यागी जयंती समारोह में शामिल होंगे.’’
चौटाला ने इस कार्यक्रम के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल सहित देश के कई विरोधी दल के नेताओं को निमंत्रण भेजा है. उनकी इस कवायद को तीसरे मोर्चे के गठन की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
जाति आधारित जनगणना के बारे में पूछे गए एक सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के सर्वदलीय नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है और अब इस बारे में कोई भी फैसला प्रधानमंत्री को लेना है.
West Bengal News: कांग्रेस छोड़ TMC में आईं सुष्मिता देव को राज्यसभा भेजेंगी ममता बनर्जी