नई दिल्ली: जेडीयू महासचिव पवन वर्मा ने पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीएए-एनपीआर-एनआरसी योजना को स्पष्ट तौर पर खारिज करने का अनुरोध किया और आरोप लगाया कि यह ‘‘भारत को बांटने और अनावश्यक सामाजिक अशांति को पैदा करने का नापाक एजेंडा’’ है.


कुमार को लिखे खुले पत्र में वर्मा ने बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी की ‘एकतरफा’ घोषणा पर हैरानी जताई कि राज्य में 15 मई से 28 मई के बीच राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर का कार्य होगा जबकि नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ हैं.


उन्होंने कहा, ‘‘सार्वजनिक रूप से दिए गए आपके विचारों और लंबे समय से चले आ रहे धर्मनिरपेक्ष नजरिए को देखते हुए क्या मैं आपसे अनुरोध कर सकता हूं कि आप सीएए-एनपीआर-एनआरसी योजना के खिलाफ सैद्धांतिक रुख लें और भारत को बांटने और अनावश्यक सामाजिक अशांति पैदा करने के के नापाक एजेंडा को खारिज करें.’’





वर्मा ने पत्र में कहा, ‘‘इस संबंध में आपका स्पष्ट सार्वजनिक बयान भारत के विचार को संरक्षित करने एवं मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा. मैं जानता हूं कि आप खुद प्रतिबद्ध हैं. थोड़े समय के राजनीतिक लाभ के लिए सिद्धांत की राजनीति को बलि नहीं चढ़ाया जा सकता.’’


अपने पत्र में वर्मा ने कहा कि सीएए-एनआरसी का संयुक्त रूप हिंदू-मुस्लिमों को बांटने और सामाजिक अस्थिरता पैदा करने का सीधा प्रयास है. जेडीयू नेता संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का समर्थन करने के पार्टी के फैसले के आलोचक रहे हैं जो अब दोनों सदनों से पारित होने के बाद कानून बन गया है.


कानून के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन हुए हैं. जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने भी सीएए के विरोध में आवाज उठाई है.