पटना: शरद यादव के जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भाग ना लेकर 'जन अदालत कार्यक्रम' का आयोजन किए जाने के बीच जेडीयू ने शनिवार को अल्टीमेटम दे दिया. जेडीयू ने कहा कि अगर आने वाली 27 अगस्त को पटना में लालू प्रसाद की तरफ से आयोजित रैली में भाग लेते हैं तो वह उनके लिए लक्ष्मण रेखा साबित होगी. जेडीयू ने कहा कि उसके बाद शरद यादव पर पार्टी की ओर से कार्रवाई की जा सकती है. सूत्रों के मुताबिक शरद यादव अगर लालू यादव की तरफ से आयोजित 27 अगस्त की रैली में भाग लेते हैं तो नीतीश कुमार उनके राज्य सभा की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश कर सकते हैं. पार्टी शरद यादव के खिलाफ सबूत इकठ्ठा कर रही है.


लालू-शरद समर्थक और नीतीश समर्थकों के बीच मारपीट 


वहीं आज पटना में सीएम आवास पर शरद और लालू समर्थकों ने हंगामा किया. सीएम नीतीश कुमार के सरकारी आवास एक अन्ने मार्ग के बाहर से शरद यादव का काफिला गुज़रने वाला था. इसके पहले शरद और लालू समर्थक करीब दोपहर 12 बजे मोटरसाइकिल पर 50 से ज़्यादा समर्थक नारेबाजी और गाली-गलौज करने लगे. कुछ बाइक वाले सीएम आवास के बिल्कुल करीब पहुंच गए और हंगामा बढ़ गया. उस समय आस पास पुलिस नदारद थी. जिसके चलते  हंगामा करते हुए लालू-शरद समर्थक मुख्य गेट तक पहुंच गए. पहले से मुख्य गेट के पास मौजूद जेडीयू के समर्थक अपने नेता के खिलाफ हो रहे अपशब्दों को सुनकर भड़क गए और आगे बढ़कर खदेड़ना शुरू किया. दोनों तरफ से मारपीट होने लगी. ये हंगामा करीब 15 मिनट तक चलता रहा. कुछ देर बाद पुलिस पहुंची.


शरद जी से आज की बैठक में आने का आग्रह किया था: केसी त्यागी


जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक के बाद पार्टी के प्रधान महासचिव के सी त्यागी ने कहा कि उनका और शरद यादव का 43 सालों का रिश्ता है. जेडीयू लोकतांत्रिक पार्टी है और पार्टी के किसी फैसले को लेकर किसी को भी एतराज हो सकता है. त्यागी ने कहा कि शरद यादव से आज की बैठक में आने का आग्रह किया गया था, पर उन्होंने ऐसा करने के बजाय वे अपनी बिहार यात्रा के दौरान आरजेडी के नेताओं के साथ बैठक करते रहे. उन्होंने कहा कि जिस बैठक में नीतीश कुमार के खिलाफ नारेबाजी हो रही हो वह जेडीयू की बैठक नहीं हो सकती.


शरद यादव की वरिष्ठता को देखते हुए पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की: त्यागी


केसी त्यागी ने कहा कि वे साझा विरासत सम्मेलन करते हैं लेकिन उनकी पार्टी विरोधी गतिविधियों के बावजूद उनकी वरिष्ठता को देखते हुए जेडीयू ने शरद जी के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने कहा कि शरद जी को पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से हटाना इसलिए जरूरी हो गया था क्योंकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर जो मुहिम चलायी जा रही है उसमें वे बाधक बन रहे थे. दिल्ली के भीतर एक अलग सामानांतर जेडीयू था, देश भर में और पटना में एक अलग जेडीयू था. इसलिए उनके स्थान पर आरसीपी सिंह को संसदीय दल का नेता बनाया गया ताकि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की नजर संसद के भीतर भी रखी जा सके.


इसके साथ ही केसी त्यागी ने कहा कि चाहे वह महिला आरक्षण की बात हो, नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक, नीतीश जी कुछ कहते थे और शरद यादव कुछ और कहते थे. राष्ट्रपति के चुनाव में समय तो हद ही हो गई इसलिए उन्हें हटाया जाना आवश्यक हो गया था.


शरद जी उस व्यक्ति के साथ मंच साझा करने जा रहे, जो परिवारवाद का जनक: केसी त्यागी


जेडीयू के प्रधान महासचिव ने कहा कि हमने यूपीए-2 का हश्र होते देखा है. भ्रष्टाचार को बर्दाश्त करते हुए मनमोहन सिंह खुद भ्रष्ट हो गए. अगर हम महागठबंधन से नाता नहीं तोड़ते तो इसकी भी दुर्गति यूपीए-2 की तरह होती...अगर नीतीश कुमार चुपचाप इन सारी चीजों को बर्दाश्त करते. त्यागी ने कहा कि शरद जी नेहरू परिवार के अधिनायकवाद, इंदिरा गांधी के भ्रष्टाचार के खिलाफ जय प्रकाश के आंदोलन में रहे और राजीव गांधी के भ्रष्टाचार के खिलाफ देश भर में वीपी सिंह के साथ आंदोलन में शामिल रहे. वे समाजवादी नेता लोहिया और कर्पूरी के समर्थक रहे. लेकिन वे आने वाली 27 अगस्त को उस व्यक्ति के साथ मंच साझा करने जा रहे हैं ​जो भ्रष्टाचार और परिवारवाद का जनक है.


केसी त्यागी ने कहा कि वे लालू जी के साथ खड़े होकर अपनी गरिमा और रुतबा दोनों को समाप्त करेंगे और अपने जीवन भर की पूंजी वहीं स्वाहा कर लेंगे. उन्होंने कहा कि वैसे तो शरद यादव ने अपनी मर्जी से जेडीयू को त्याग दिया है, लेकिन आने वाली 27 अगस्त के कार्यक्रम में हिस्सा लेकर शरद जी लक्ष्मण रेखा पार करेंगे.