JDU ने किया बिल का समर्थन, प्रशांत किशोर बोले- NRC के साथ मिलकर घातक हथियार साबित हो सकता है CAB
प्रशांत किशोर और राष्ट्रीय महासचिव पवन के. वर्मा ने खुले तौर पर जेडीयू के बिल के पक्ष में वोट करने पर निराशा व्यक्त की थी. दोनों नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार से इसपर फिर से विचार करने का आग्रह किया था.
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल कल राज्यसभा से भी पास हो गया है. जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर अपनी पार्टी के खिलाफ जाकर लगातार इस बिल का विरोध कर रहे हैं. प्रशांत किशोर ने आज ट्वीट करके इसे एक घातक हथियार बताया है. इससे पहले प्रशांत ने कल अपनी पार्टी की तरफ से इस बिल का समर्थन करने पर पार्टी नेताओं पर तंज कसा था.
प्रशांत किशोर ने आज क्या ट्वीट किया है?
प्रशांत किशोर ने आज सुबह ट्वीट किया है, ‘’हमें बताया गया है कि नागरिकता संशोधन बिल नागरिकता देने के लिए है ना कि किसी से नागरिकता का अधिकार छीनने के लिए. लेकिन सच ये है कि एनआरसी के साथ मिलकर ये घातक हथियार साबित हो सकता है. ये धर्म के आधार पर भेदभाव और यहां तक कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का हथियार बन सकता है. #NotGivingUp’’
CAB पर पूर्वोत्तर के लोगों को भरोसा दिलाने में जुटे मोदी, कहा-आपके अधिकार कोई नहीं छीनेगा
We are told that #CAB is bill to grant citizenship and not to take it from anyone. But the truth is together with #NRC, it could turn into a lethal combo in the hands of Government to systematically discriminate and even prosecute people based on religion.#NotGivingUp
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 12, 2019
इससे पहले भी कल प्रशांत किशोर ने पार्टी नेताओं को साल 2015 के विधानसभा में जीत की याद दिलाई थी. प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, ‘’नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन करने से पहले जेडीयू नेतृत्व को उन लोगों के बारे में एक बार जरूर सोचना चाहिए जिन्होंने 2015 में उन पर विश्वास और भरोसा जताया था. हमें नहीं भूलना चाहिए कि 2015 की जीत के लिए पार्टी और इसके प्रबंधकों के पास जीते के बहुत रास्ते नहीं बचे थे.’’
While supporting #CAB, the JDU leadership should spare a moment for all those who reposed their faith and trust in it in 2015.
We must not forget that but for the victory of 2015, the party and its managers wouldn’t have been left with much to cut any deal with anyone. — Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 11, 2019
खुले तौर पर बिल का विरोध कर रहे हैं प्रशांत
प्रशांत किशोर और राष्ट्रीय महासचिव पवन के. वर्मा ने खुले तौर पर जेडीयू के बिल के पक्ष में वोट करने पर निराशा व्यक्त की थी. दोनों नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार से इसपर फिर से विचार करने का आग्रह किया था, लेकिन पार्टी ने राज्यसभा में भी बिल के समर्थन में वोट किया है.
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