दिल्ली/पटना: बिहार में अगले महीने एक लोकसभा औऱ दो विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव जेडीयू नहीं लडेगा. बिहार में 11 मार्च को अररिया लोकसभा सीट और दो विधानसभा सीटों भभुआ और जहानाबाद पर उपचुनाव होने जा रहा है. नीतीश-बीजेपी के नए गठबंधन के बाद अररिया लोकसभा सीट बीजेपी के खाते में जा रही है.


सितंबर 2017 में आरजेडी के सांसद मोहम्मद तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद अररिया सीट खाली हो गई थी. बीजेपी विधायक आनंद भूषण पांडे के निधन के बाद भभुआ और आरजेडी विधायक मुंद्रिका सिंह यादव के निधन के बाद जहानाबाद विधानसभा सीट खाली हुई है.


बिहार: उपचुनाव से पहले जेडीयू से निलंबित विधायक ने थामा आरजेडी का दामन


उधर बिहार में जेडीयू के निलंबित विधायक सरफराज आलम ने शनिवार को पार्टी और विधानसभा पद से इस्तीफा दे दिया और आरजेडी में शामिल हो गए. आलम ने ऐसा करके अररिया लोकसभा उपचुनाव लड़ने का स्पष्ट संकेत दे दिया जिसका प्रतिनिधित्व उनके पिता मोहम्मद तस्लीमुद्दीन करते थे. याद रहे सरफराज आलम तस्लीमुद्दीन के बेटे हैं और बाप-बेटा दोनों अलग अलग पार्टी में थे.


आलम ने विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद कल आरजेडी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सीएम राबड़ी देवी से उनके आवास जाकर मुलाकात की और उसके बाद पार्टी कार्यालय में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी की उपस्थिति में दल की सदस्यता ग्रहण कर ली.


यह घटनाक्रम बिहार में विधानसभा की दो सीटों के साथ ही अररिया लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव घोषित होने के एक दिन बाद आया है. तसलीमुद्दीन ने 2014 के लोकसभा चुनाव में दो लाख से अधिक वोट से इस सीट पर जीत दर्ज की थी. वहीं अलग अलग चुनाव लड़ने वाली बीजेपी और जेडीयू के उम्मीदवार क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे थे.