नई दिल्ली: जेडीयू के बाग़ी नेता शरद यादव आख़िरकार अब अपनी नयी पार्टी बनाने जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक़ यादव 18 मई को अपने समर्थकों का एक राष्ट्रीय सम्मेलन दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में करने जा रहे हैं जिसमें विधिवत रूप से नई पार्टी की शुरुआत की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक़ नई पार्टी के नाम को चुनाव आयोग से मंज़ूरी मिल गई है.


क्या होगा पार्टी का नाम?


शरद यादव की नई पार्टी का नाम लोकतांत्रिक जनता दल होगा. चुनाव आयोग के पास लोकतांत्रिक जनता के अलावा समाजवादी जनता दल जैसे नाम भी भेजे गए थे. सूत्रों के मुताबिक आयोग ने लोकतांत्रिक जनता दल के नाम पर मुहर लगा दी है. हालांकि अभी ये तय नहीं है कि पार्टी का चुनाव चिन्ह क्या होगा? प्रस्तावित पार्टी के नए पदाधिकारियों को लेकर भी चर्चा शुरू हो गयी है. राजस्थान के नेता फतह सिंह इसके प्रारम्भिक अध्यक्ष बन सकते हैं जबकि प्रो रतन लाल इसके राष्ट्रीय महासचिव बनाए जा सकते हैं. प्रो रतन लाल ने नई पार्टी बनने की पुष्टि भी की है.


बीजेपी से लड़ना मकसद


प्रस्तावित पार्टी से जुड़े लोगों का कहना है कि पार्टी का मुख्य लक्ष्य बीजेपी को सत्ता से हटाने के लिए एक विकल्प तैयार करना है. प्रो रतन लाल का कहना है, 'पार्टी का 2 मुख्य उद्देश्य होगा. पहला, बीजेपी को सत्ता से हटाना और दूसरा दलितों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और पिछड़ों की लड़ाई लड़ना. दोनों की मुद्दों पर हम कोई समझौता नहीं करेंगे'.


क्यों बागी हुए थे यादव


पिछले साल जुलाई में जेडीयु अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आरजेडी से नाता तोड़कर बीजेपी से हाथ मिलाने के बाद से ही शरद यादव ने बागी तेवर अपना लिए थे. नीतीश कुमार ने अगस्त में यादव के 21 सहयोगियों को पार्टी से निकाल दिया लेकिन यादव को नहीं छुआ. हालांकि 27 आगस्त को लालू यादव द्वारा बुलाई गई एक रैली में शामिल होने के बाद नीतीश ने शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता रद्द करने की अर्ज़ी दे दी. शरद यादव और उनके समर्थकों ने भी ये कहते हुए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया की उन्हीं का गुट असली जेडीयू है लेकिन आयोग के उनकी अर्ज़ी खारिज़ कर दी.


बाद में, 5 दिसम्बर को शरद यादव और दूसरे बागी सांसद अली अनवर की राज्य सभा सदस्यता रद्द कर दी गयी. यादव ने सदस्यता रद्द करने के ख़िलाफ़ हाइकोर्ट में याचिका दायर किया हुआ है.