नई दिल्ली: पटना में बाढ़ और जलजमाव के बहाने जेडीयू और बीजेपी के बीच शुरू हुई ज़ुबानी जंग अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के दरवाज़े तक पहुंच गई है. जेडीयू ने मांग की है कि मोदी और शाह को गिरिराज सिंह जैसे नेताओं की बोली पर लगाम लगाना चाहिए. वहीं बीजेपी ने दोनों दलों के नेताओं को एक दूसरे का सम्मान करने की बात की है.


पटना में बाढ़ और जलभराव का आज नौवां दिन है लेकिन समस्याएं अभी ख़त्म नहीं हुई है. जमा हुआ पानी नहीं निकलने से अब महामारी की आशंका भी बढ़ती जा रही है. ऐसे में बिहार एनडीए के भीतर एक दूसरे पर दोष मढ़ने और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी बढ़ता ही जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार हमला कर रहे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उनपर दबाव बनाते हुए दुर्गा पूजा के बहाने एक बार फिर हमला किया.


गिरिराज ने ट्वीट कर कहा - " आज से दुर्गापूजा का मेला शुरू हो गया है..मैं बिहार NDA की तरफ से उन सनातनियों से क्षमा मांगता हूं जहाँ पर बाढ़ के कारण पूजा ,पंडाल एवं मेला का आयोजन नही हो पाया है "





गिरिराज सिंह का लगातार आक्रमण झेल रहे जेडीयू ने भी पलटवार करने में देरी नहीं की. पार्टी की ओर से महासचिव और प्रवक्ता के सी त्यागी ने पीएम और गृह मंत्री अमित शाह से गिरिराज सिंह के बयानों पर लगाम लगाने की मांग की. केसी त्यागी ने कहा, 'प्रधानमंत्री और अमित शाह को ऐसे नेताओं से अपनी जुबान पर काबू रखने के लिए कहना चाहिए. गिरिराज सिंह पर पूर्व की भांति तुरंत काबू किया जाए. जितना आक्रामक गिरिराज सिंह का बयान है उतना तो तेजस्वी यादव का भी नहीं है.''


हालांकि बीजेपी ने फ़िलहाल ने दोनों दलों के नेताओं को ऐसे बयानों से परहेज़ करने की नसीहत दी है. पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि नीतीश कुमार और गिरिराज सिंह , दोनों का ही सम्मान होना चाहिए. वैसे बीजेपी ने ये ज़रूर माना कि लोग ज़िम्मेदारी देने के साथ साथ सरकार से अपेक्षा भी रखते हैं. दरअसल बिहार में जेडीयू के प्रवक्ता संजय सिंह ने गिरिराज सिंह पर हमला करते हुए कहा था कि वो नीतीश कुमार के पैरों की धूल के बराबर भी नहीं हैं.