JEE Paper Leak Case: सीबीआई ने दिल्ली एयरपोर्ट से रूसी नागरिक को किया गिरफ्तार, परीक्षा के दौरान सॉफ्टवेयर किया था हैक
JEE Main-2021 Scam: ये रूसी नागरिक इस परीक्षा घोटाले का मुख्य आरोपी है. आरोपी के खिलाफ पहले से लुक आउट सर्कुलर जारी था.
JEE Paper Leak Case: सीबीआई ने पिछले साल हुई आईआईटी जेईई (मुख्य) परीक्षा में कथित हेरफेर के मामले में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (IGI Airport) पर एक रूसी नागरिक को गिरफ्तार किया है. अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में कथित छेड़छाड़ के लिए विदेशी नागरिक के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था जिस पर मुख्य हैकर होने का संदेह है.
अधिकारियों ने बताया कि जब रूसी नागरिक विदेश से हवाईअड्डे पर पहुंचा तो केंद्रीय एजेंसियों ने सीबीआई को सतर्क किया. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने उसे तत्काल रोका और जेईई परीक्षा में छेड़छाड़ के सिलसिले में उसे हिरासत में लिया. इस मामले की जांच में पता चला था कि रशियन नागरिक एक बड़ा हैकर है. ये विदेशी नागरिक इस परीक्षा घोटाले का मुख्य आरोपी है. इससे पहले इस घोटाले में सीबीआई ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया था.
परीक्षा के दौरान सॉफ्टवेयर किया था हैक
जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि कुछ विदेशी नागरिक जेईई (मेन्स) समेत कई ऑनलाइन परीक्षाओं के लीक के मामले में अन्य आरोपियों की मिलीभगत से शामिल थे. एक रूसी नागरिक की भूमिका का भी खुलासा किया गया था. जिसने कथित तौर पर iLeon सॉफ्टवेयर (जिस प्लेटफॉर्म पर जेईई (मुख्य) -2021 परीक्षा आयोजित की गई थी) के साथ छेड़छाड़ की थी और उसने परीक्षा के दौरान संदिग्ध उम्मीदवारों के कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने में अन्य आरोपियों की मदद की थी. इसलिए उक्त रूसी नागरिक के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था.
सीबीआई ने केस किया था दर्ज
एजेंसी ने पिछले साल सितंबर में ‘एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड’ और उसके तीन निदेशकों- सिद्धार्थ कृष्ण, विश्वंभर मणि त्रिपाठी और गोविंद वार्ष्णेय के खिलाफ मामला दर्ज किया था. कुछ अन्य लोगों पर भी मामला दर्ज किया गया. आरोप है कि तीनों निदेशक अन्य सहयोगियों और दलालों के साथ साजिश रचते हुए जेईई (मुख्य) की ऑनलाइन परीक्षा (JEE Paper Leak) में हेरफेर कर रहे थे और अभ्यर्थियों से भारी रकम लेकर देश के शीर्ष राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में उन्हें प्रवेश दिला रहे थे. आरोपों के अनुसार, हरियाणा के सोनीपत (Sonipat) में एक चयनित परीक्षा केंद्र से आवेदकों के प्रश्नपत्रों को टेक्नोलॉजी की मदद से हल कराया जा रहा था.
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