नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कारण देश और दुनिया पर काफी असर देखने को मिला है. कोरोना वायरस के कारण लगभग सभी क्षेत्र काफी प्रभावित हुए हैं. वहीं शिक्षा के क्षेत्र में भी कोरोना वायरस के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा है. कोरोना के कारण छात्रों की कई परिक्षाएं भी आगे बढ़ाई गईं, तो कई छात्र कोरोना वायरस के चलते परिक्षाएं दे भी नहीं सके. वहीं अब अधिकारियों ने कहा है कि देशभर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई)-मुख्य को जनवरी के बजाय फरवरी में कराया जा सकता है.
कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर रोज कोरोना वायरस के नए संक्रमित मरीजों की पुष्टि हो रही है. इस बीच देश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए होने वाली जेईई-मुख्य (JEE-Mains) परीक्षा को फरवरी में कराया जा सकता है. कोविड-19 के बढ़ते मामलों और इस साल के लिए अभी भी चल रही दाखिला प्रक्रिया के चलते यह फैसला लिया जा सकता है.
कोरोना भी वजह
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 'इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया अब भी जारी है. लिहाजा 2021 की जेईई-मुख्य परीक्षा को फरवरी में कराए जाने पर विचार चल रहा है. इससे उन छात्रों को फायदा होगा, जो पिछली परीक्षा में प्राप्त अंकों या उन कॉलेजों से संतुष्ट नहीं हैं, जहां उन्हें दाखिला मिल रहा है. वहीं कोरोना वायरस के बढ़ते मामले भी इसकी एक वजह हैं.
परीक्षा में कितने छात्र हुए थे शामिल?
बता दें कि इस साल ज्वाइंट एट्रेंस एग्जाम-एडवांस्ड (JEE-Adv) परीक्षा में करीब 1.5 लाख छात्र शामिल हुए थे. वहीं इसके लिए 1.60 लाख छात्रों ने ही रजिस्ट्रेशन करवाया था. जेईई एडवांस्ड 2020 परीक्षा के लिए योग्य छात्रों में से सिर्फ 64 फीसदी छात्रों ने ही रजिस्ट्रेशन करवाया था. जेईई मेन परीक्षा के टॉप 2.45 लाख अभ्यर्थी जेईई एडवांस्ड परीक्षा में बैठने के लिए योग्य होते हैं.
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