पटना: बिहार के पूर्व सीएम और हम के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार पर शराबबंदी कानून को लेकर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा की शराबबंदी कानून के तहत दलितों पर दर्ज मुकदमे को वह वापस लें. मल्लाह और निषाद समेत नौ उपजाति को जनजाति में शामिल करने के नीतीश के प्रस्ताव पर मांझी ने कहा कि एसटी के आरक्षण का कोटा बढ़ाया जाए.


मांझी ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के कोरे गांव की घटना के लोगों को नक्सली के रूप में प्रताड़ित किया जा रहा है. अपनी मांगों को उठाने वाले दलितों को लोग नक्सली कह देते हैं.


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लैटरल इंट्री के माध्यम से बाहरी लोगों को ज्वाइंट सेक्रेटरी बनाने पर जीतन राम मांझी ने कहा कि यूपीएससी एक संवैधानिक संस्था है. इसमें भी छेड़छाड़ किया जा रहा है. इस फैसले से शेड्यूल कास्ट (एसटी) के लोग केंद्र सरकार से आहत हैं. सीएम नीतीश बिहार की जनता को मूर्ख समझते हैं.


जीतन राम ने शराबबंदी को लेकर कहा कि नीतीश सरकार ने बिहार में तालिबानी कानून बनाया है. बिहार के लोग शराबबंदी कानून और बालू कानून को वापस करने की मांग कर रहे हैं. सरकार इस मामले में माफी मांगे और तालिबानी कानून को जल्द से जल्द खत्म करें.


हम प्रमुख ने आगे कहा कि सीएम नीतीश कुमार अभी से चुनावी मूड में आ गए हैं. अनुसूचित जाति में कई पिछड़ी जातियों को जोड़ने के लिए भ्रामक प्रचार कर रहे है. सरकार प्रमोशन में आरक्षण का अध्यादेश जल्द लाए. दूसरी ओर राम विलास पासवान दलित समाज को गुमराह कर रहे हैं.