जम्मूः जम्मू में सुरक्षाबलों और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के बड़े मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर आतंकी संगठन से जुड़े 8 लोगों को हिरासत में लिया है. सूत्रों की मानें तो इनमें से तीन लोग पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद से मिले निर्देशों पर काम कर रहे थे. सूत्रों की मानें तो पकड़े गए संदिग्धों में से एक इम्तियाज़ पाकिस्तान में बैठे अपने चाचा और जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर आशिक़ हुसैन नेग्रू से संपर्क में था और लगातार निर्देश ले रहा था.


गुरुवार को जम्मू पुलिस और मिलिट्री इंटेलिजेंस को उस वक़्त एक बड़ी कामयाबी मिली जब आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आठ लोगों को पुलिस ने दबोचा. पूछताछ पर पकड़े गए लोगों में से तीन के संबंध सीधा आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से मिले. सूत्रों की माने तो पुलिस की गिरफ्त में आये 8 में से तीन संदिग्ध -इम्तियाज़, सज्जाद अहमद डार और मेहरूफ अहमद डिंगू के संबंध आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से निकले. यह तीनों ट्रक ड्राइवर हैं.


सूत्रों के मुताबिक तो इम्तियाज़, पाकिस्तान में बैठे अपने चाचा और जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर आशिक़ हुसैन नेग्रू से लगातार संपर्क में था. इम्तियाज ने पूछताछ में क़बूला है कि वो पाकिस्तान से अपने चाचा से व्हाट्सप्प पर बात करता था और यह बात करने के लिए वो पठानकोट तक भी जाता रहा है. सुरक्षाबलों ने इम्तियाज से पूछताछ के बाद जम्मू के रामबन से सज्जाद अहमद डार को उसके ट्रक से गिरफ्तार किया.



साथ ही सुरक्षाबलों ने पंजाब के अम्बाला से मेहरूफ अहमद डिंगू से गिरफ्तार किया. सूत्रों के मुताबिक जैसे ही महरूफ अहमद डिंगू की ट्रक को सुरक्षाबलों ने रोका तो उसने पुलिस का नाका तोड़ कर भागने की कोशिश भी की. सुरक्षाबलों को शक है कि आशिक़ हुसैन कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों को देश के दूसरे हिस्सों से हथियार पहुंचने का काम करता है. इसके लिए वो पंजाब में आतंकियों के मददगारों की सहायता लेता है और कश्मीर में ट्रक वालों को मोटी रकम देकर हथियार पहुंचाने का काम करता है.


सुरक्षाबलों का दावा है कि 12 सितम्बर 2019 को जम्मू के कठुआ ज़िले में ट्रक में हथियार ले जा रहे जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इन आतंकियों के पास से 4 ऐके 56, 2 ऐके 47, 6 मैगज़ीन और 180 कारतूस मिले थे.


सुरक्षा एजेंसियो की जांच में पता चला है कि कठुआ में पकड़े गए तीन आतंकियों उबेद उल इस्लाम, जहांगीर अहमद और सबील अहमद में से उबेद उल इस्लाम से भी आशिक़ हुसैन सम्पर्क में था. सूत्रों के मुताबिक उबेद उल इस्लाम को आशिक़ हुसैन अपने व्हाट्सप्प  से निर्देश दे रहा था. आशिक़ हुसैन के कहने पर ही उबैद उल इस्लाम ने दिल्ली से आते वक़्त अपने ट्रक में पंजाब से यह हथियार रखवाए थे.


उबैद उल इस्लाम ने पूछताछ में कबूला है कि वो आशिक़ हुसैन से निर्देश ले रहा था और उसे आशिक़ हुसैन से मिलवाने वाला आमिर नाम का शख्स है जो कश्मीर में सरकार कर्मचारी है और जिसे हाल ही में गिरफ्तार किया गया है. सुरक्षाबलों ने जब पूछताछ का दायरा आगे बढ़ाया तो 12 सितम्बर 2018 को जम्मू के झज्जर कोटली में हुए एनकाउंटर में भी आशिक़ हुसैन के तार जुड़े हुए मिले. उस एनकाउंटर में जिस ट्रक में आतंकी बैठ कर कश्मीर जा रहे थे वो रियाज़ अहमद का था और रियाज़ आशिक़ का सगा भाई है.


सुरक्षाबलों की पूछताछ में यह भी सामने आया है कि कठुआ में पकड़े गए सबील अहमद का भाई अल्ताफ बाबा और आशिक़ हुसैन का भाई अब्बास, दोनों जैश-ए-मोहम्मद के सक्रिय आतंकी थे, जिन्हे सुरक्षाबलों ने जून 5, 2019 को पुलवामा में मार गिराया था.


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