नई दिल्लीः दिल्ली के चर्चित जेसिका लाल हत्याकांड के मुख्य दोषी मनु शर्मा को जेल से रिहा कर दिया गया है. दिल्ली के उपराज्यपाल ने सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की सिफारिशों को मानते हुए मनु शर्मा समेत 19 दोषियों की उम्र कैद की आगे की सज़ा को माफ करने का फैसला किया है. मनु शर्मा फिलहाल पैरोल पर बाहर है क्योंकि कोरोना संक्रमण के दौरान जब कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया था उस दौरान मनु शर्मा को भी परोल दी गई थी.


मनु शर्मा ने की थी आगे की सजा माफ करने की मांग


मनु शर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिसंबर 2006 में जेसिका की हत्या का दोषी करार दिया था और मनु शर्मा को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. जिसके बाद से ही मनु शर्मा तिहाड़ जेल में बंद था. इसी आधार पर मनु शर्मा ने करीब डेढ़ साल पहले सेंटेंस रिव्यू बोर्ड के सामने अपने अच्छे आचरण के आधार पर खुद रिहा करने की मांग की थी.


सेंटेंस रिव्यू बोर्ड ने उस दौरान मनु शर्मा की मांग को ठुकरा दिया था, जिसके बाद मनु शर्मा ने इस तरह की कुल 6 अर्जी सेंटेंसेस रिव्यु बोर्ड के सामने लगाई थीं. आखिरकार 11 मई को सेंटेंस रिव्यू बोर्ड ने मनु शर्मा के अच्छे आचरण का जिक्र करते हुए उसके आगे की उम्र कैद की सजा को माफ करने की सिफारिश की थी.


सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की सिफारिश दिल्ली सरकार के गृह विभाग के पास गई और दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने उसको उपराज्यपाल के पास आगे बढ़ाया. इसी आधार पर दिल्ली के उपराज्यपाल ने सेंटेंस रिव्यू बोर्ड की सिफारिश को मंजूर किया और मनु शर्मा की आगे की उम्र कैद की सजा को माफ किया.


क्या कहता है नियम? 


नियमों के मुताबिक अगर किसी दोषी को उम्र कैद की सजा सुनाई जाती है तो दोषी 14 साल की सजा काटने के बाद अपने अच्छे आचरण के आधार पर सेंटेंस रिव्यू बोर्ड के सामने अर्ज़ी लगाकर मांग कर सकता है कि उसके अच्छे आचरण को देखते हुए उसके आगे की सजा को माफ कर दिया जाए. मनु शर्मा ने भी इसी नियम के तहत सेंटेंस रिव्यू बोर्ड के सामने आगे की सजा माफ करने की अर्जी लगाई थी.


दिल्ली: चांद बाग हिंसा मामले में 15 लोगों के खिलाफ चार्जशीट, आप के निष्कासित पार्षद ताहिर हुसैन मुख्य आरोपी