मुंबई:  देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइन जेट एयरवेज 17 अप्रैल से बंद है. 22 हजार कर्मचारी अधिकारी पायलट, एयर होस्टेस सब बेरोजगार हैं. इसी बीच खबर आई है कि मुंबई के पास एक जेट एयरवेज के कर्मचारी ने खुदकुशी कर ली है. जेट कर्मचारी कैंसर से पीडित था. मृत कर्मचारी का नाम शैलेश सिंह था और वो सीनियर टेक्नीशियन थे. शैलेश ने इलाज के लिए छुट्टी ली हुई थी.


शैलेश सिंह को लंबे समय से कैंसर था और काफी समय से उनका  इलाज चल रहा था. कीमोथेरेपी के बाद हॉस्पिटल से घर आए थे. आज बिल्डिंग की छत से कूदकर उन्होंने ख़ुदकुशी कर ली. पुलिस सूत्र कह रहे हैं कि शैलेश ने डिप्रेशन में जान दी. पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘ वह कैंसर से पीड़ित थे और उनकी कीमोथेरेपी चल रही थी. प्राथमिक तौर पर ऐसा प्रतीत होता है कि बीमारी की वजह से वह अवसाद में थे.’’


जेट एयरवेज स्टाफ एंड एम्पलॉइज एसोसिएशन ने बताया कि सिंह ‘आर्थिक दिक्कतों’ का सामना कर रहे थे क्योंकि परिचालन बंद करनेवाले जेट एयरवेज ने कई महीनों से अपने कर्मचारियों का वेतन अदा नहीं किया था. एसोसिएशन ने दावा किया कि एयरलाइन द्वारा परिचालन बंद करने के बाद कर्मचारी की आत्महत्या का यह पहला मामला है. सिंह के परिवार में पत्नी, दो बेटे और दो बेटियां हैं.


बता दें कि 17 अप्रैल रात 12 बजे से जेट एयरवेज ने अपनी सारी सेवाएं अनिश्चित समय के लिए बंद कर दी हैं. जेट एयरवेज पर करीब 8 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है, जेट एयरवेज को कुल 15 हजार करोड़ रुपए चुकाने है..कंपनी के कर्मचारियों को पिछले 2-3 महीने से वेतन नहीं मिल रहा था. मुंबई में जेट एयरवेज के स्टाफ एसोसिएशन और अधिकारियों की मीटिंग में भी कोई बड़ा हल सामने नहीं निकला तो केंद्र सरकार से मदद मांगी गई.


जेट एयरवेज हर दिन करीब 600 फ्लाइट्स ऑपरेट कर रही थी, जेट एयरवेज की सेवा बंद होने से से यात्रियों की परेशानी भी बढ़ गई है. वहीं जेट एयरवेज में कुल 22, 269 कर्मचारी काम करते हैं, 16 हजार कर्मचारी नियमित और 6329 कॉन्ट्रैक्ट पर हैं. यानी नौकरी पर आए संकट का असर कुल 1 लाख परिजनों पर पड़ रहा है.


विदेश में नाम कमाने के लिए जेट एयरवेज ने 2006 में एयर सहारा को 2250 करोड़ में खरीदा था. एयर सहारा का महंगा सौदा करना जेट एयरवेज की सबसे बड़ी गलती मानी गई. दावा है कि एयर फ्यूल की महंगाई और सस्ती एयरलाइंस कंपनियों ने जेट की मुश्किल और बढाई. इंडिगो, स्पाइसजेट और गो एयर जैसी सस्ती एयरलाइंस के आगे जेट बाजार नहीं संभाल सकी.