जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को भेजा ED की हिरासत में, बैंक धोखाधड़ी मामले में किया था गिरफ्तार
Naresh Goyal Arrested: ईडी ने शुक्रवार को मुंबई स्थित अपने कार्यालय में लंबी पूछताछ के बाद जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया था.
Jet Airways Founder Arrested: जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल (Naresh Goyal) को धोखाधड़ी के एक कथित मामले में विशेष पीएमएलए कोर्ट ने शनिवार (2 सितंबर) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया. कोर्ट ने उन्हें 11 सितंबर तक हिरासत में भेजा है.
केनरा बैंक की शिकायत पर दर्ज 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल (74) को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था. केंद्रीय एजेंसी ने उन्हें मुंबई के अपने कार्यालय में लंबी पूछताछ के बाद धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था. उन्हें शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया.
सीबीआई ने दर्ज की थी एफआईआर
धनशोधन का मामला जेट एयरवेज, गोयल, उनकी पत्नी अनीता और उनकी निष्क्रिय हो चुकी एयरलाइन के कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकी से संबंधित है. इंडिया टुडे के अनुसार, सीबीआई ने अपनी एफआईआर में गोयल पर धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक कदाचार का आरोप लगाया.
नरेश गोयल पर हैं ये आरोप
जांच एजेंसी ने इस साल मई में गोयल के आवास और कार्यालयों सहित मुंबई में सात स्थानों पर तलाशी भी ली थी. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बैंक की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड को 848.86 करोड़ रुपये की ऋण सीमा और कर्ज मंजूर किया, जिसमें से 538.62 करोड़ रुपये बकाया हैं. इसमें आरोप लगाया गया कि जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड ने अपनी सहायक कंपनियों को धन हस्तांतरित किया.
2019 में एयरलाइन ने परिचालन किया था बंद
ईडी की जांच में ये भी पाया गया कि जेट एयरवेज के खर्चों का एक हिस्सा, जिसे संबंधित कंपनियों को भुगतान किए गए कमीशन के रूप में दिखाया गया था, वास्तव में गोयल परिवार और मामले में शामिल अन्य व्यक्तियों के व्यक्तिगत खर्चों के भुगतान के लिए इस्तेमाल किया गया था.
गोयल ने अप्रैल 1992 में जेट एयरवेज की स्थापना की थी. हालांकि, वित्तीय कठिनाइयों के कारण अप्रैल 2019 में एयरलाइन ने परिचालन बंद कर दिया था. कंपनी फिलहाल दिवालियेपन की प्रक्रिया से गुजर रही है.
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