सूत्रों के अनुसार पायलटों की सैलरी पर नरम रुख रखने वाले एयरलाइन के घरेलू पायलट निकाय कंपनी की मौजूदा वित्तीय हालत पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को बैठक कर सकती है. नरेश गोयल की नियंत्रण वाली यह कंपनी लगातार पिछली तीन तिमाही से घाटे में चल रही है और अपने कुछ कर्मचारियों के वेतन का भुगतान समय से नहीं कर रही है. इसी कारण पायलटों की सैलरी का विवाद गहराता जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, ‘‘पायलटों ने फैसला किया है कि यदि उनका सारा बकाया वेतन 30 नवंबर तक नहीं दिया जाता है तो वे एक दिसंबर से कोई अतिरिक्त कार्य नहीं करेंगे और बस रोस्टर का ही पालन करेंगे. इस फैसले से प्रबंधन को मौखिक रुप से अवगत करा दिया गया है.’’
वहीं, इस मामले पर जेट एयरवेज ने कहा है कि वह अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस मुद्दे (वेतन बकाये) को हल किया जा रहा है. कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि एयरलाइन ने सितंबर के वेतन का 75 फीसदी इन कर्मचारियों को भुगतान कर दिया है.
नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के अभियंताओं, वरिष्ठ प्रबंधन अधिकारियों के साथ ही करीब 1600 पायलटों को सितंबर की तनख्वाह के 50 फीसद हिस्से का ही भुगतान किया गया है. उन्हें सितंबर की आधी तनख्वाह और अक्टूबर की पूरी तनख्वाह मिलनी बाकी है. सैलरी नहीं मिलने से कंपनी के पायलट नाराज चल रहे हैं.
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