Jet Airways की उड़ान सेवा अस्थाई तौर पर बंद, यहां जानें क्या है कंपनी पर संकट
नकदी संकट से जूझ रही फुल सर्विस विमान सेवा देने वाली निजी क्षेत्र की एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज ने अपना परिचालन बुधवार रात से अस्थाई तौर पर बंद कर दिया. बुधवार मध्यरात्रि को अमृतसर से नयी दिल्ली के बीच कंपनी ने आखिरी उड़ान सेवा दी.
मुंबई: नकदी संकट से जूझ रही फुल सर्विस विमान सेवा देने वाली निजी क्षेत्र की एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज ने अपना परिचालन बुधवार रात से अस्थाई तौर पर बंद कर दिया. बैंकों के समूह द्वारा 400 करोड़ रुपये की त्वरित ऋण सहायता उपलब्ध कराने से इनकार किए जाने के बाद एयरलाइन ने परिचालन बंद करने का फैसला लिया है. कंपनी के द्वारा सर्विस बंद करने से जहां यात्रियों, एयरलाइन में विभिन्न सर्विस प्रोवाइड करने वालों का करोड़ों रुपया फंस गया है वहीं, कंपनी के 20 हजार से अधिक कर्मचारियों का भविष्य अधर में लटक गया है. एयरलाइन पर बैंकों का 8,500 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है जिसके चलते वह कर्ज संकट में फंसती चली गई.
करीब ढाई दशक तक लोगों को विमान सेवायें देने वाली एयरलाइन ने बुधवार मध्यरात्रि को अमृतसर से नयी दिल्ली के लिये आखिरी उड़ान सेवा दी. एयरलाइन ने कहा, ‘‘ऋणदाता बैंकों की तरफ से आपात ऋण सहायता नहीं मिलने की वजह से हम परिचालन को जारी रखने के लिये ईंधन और दूसरी जरूरी सेवाओं के लिये भुगतान नहीं कर पायेंगे. इसलिये, तुरंत प्रभाव से हम अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों को अस्थाई रूप से बंद करने पर मजबूर हैं.’’ क्या है संकट- जेट एयरवेज की शुरुआत नरेश गोयल ने आज से ढाई दशक पहले की. यह फुल सर्विस विमान सेवा प्रदाता कंपनी है जिसमें यात्रियों को इकोनॉमी, बिजनेस और फर्स्ट क्लास सेवा उपलब्ध कराई जाती है. कंपनी ने बिना अतिरिक्त शुल्क के बड़ी विमानन कंपनियों की तरह लोगों को सुविधाएं दी जिससे कंपनी ने साल 2000 के समय में काफी तरक्की की. कंपनी जब अपने अच्छे दिनों से गुजर रही थी तो विमानन क्षेत्र में जेट की हिस्सेदारी लगभग 14 फीसदी थी. साल 2010 में एयरलाइन पर कर्ज संकट गहराया. इस दौरान कंपनी को लगातार चार तिमाहियों तक घाटा उठाना पड़ा. इसके बाद कंपनी लगातार कर्ज का भुगतान करने में असफल रहने लगी और यह संकट लगातार गहराता चला गया. जेट एयरवेज में 24 फीसदी हिस्सेदारी एतिहाद विमानन कंपनी की है. नरेश गोयल की कंपनी में 51 फीसदी हिस्सेदारी है, लेकिन संकट के बाद उन्होंने 31.2 फीसदी हिस्सेदारी कर्जदाताओं को देने का वादा किया है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जेट की परिचालन बंद करने की घोषणा के कुछ देर बाद जारी ट्वीट में कहा कि वह जेट के समाधान प्रक्रिया का मौजूदा नियमों के दायरे में रहते हुये समर्थन करेगा. विमान कंपनी ने कहा कि वह ऋणदाताओं की ओर से बोलियों को अंतिम रूप दिये जाने की प्रक्रिया का इंतजार करेगी. इस महीने की शुरुआत में ऋणदाता बैंकों के समूह की ओर से एसबीआई कैप ने जेट एयरवेज की 32.1 से लेकर 75 प्रतिशत तक हिस्सेदारी की बिक्री के लिये बोलियां आमंत्रित की थी. बोलियां 8 अप्रैल से 12 अप्रैल तक आमंत्रित की गई. बैंकों ने मंगलवार को चार बोलीदाताओं की पहचान की. इनमें एतिहाद एयरवेज, राष्ट्रीय निवेश कोष एनआईआईएफ, निजी क्षेत्र के टीपीजी और एक अन्य कोष इंडिगो पार्टनर की पात्र बोलीदाता के तौर पर पहचान की है. इनके पास अंतिम वित्तीय बोली सौंपने के लिये 10 मई तक का समय है. आज जंतर-मंतर पर होगा प्रदर्शन जेट एयरवेज के एम्प्लाइज का कहना है कि आज दोपहर को 2 बजे जंतर मंतर पर हम प्रोटेस्ट के लिए नहीं प्रार्थना के लिए एकत्रित हो रहे हैं. हम मिल कर जेट एयरवेज के फिर से सुचारू होने और गति पकड़ने के लिए एकत्रित हो रहे हैं. ग्राउंड स्टाफ को 10 मई तक कि छुट्टी की बात कही गयी है, जिसके बाद मैनेजमेंट आगे का निर्णय लेगी. वहीं, सीनियर स्टाफ को बताया गया है कि यह टेम्पररी शट डाउन है क्योंकि अभी बैंक से लोन आदि में विलंब हो रहा है.यह भी पढ़ें-
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