Indian Gold Jewelry: अब दुनिया में दिखेगी भारतीय गोल्ड जूलरी की चमक, विदेशी कंपनियों से करार के बाद एक्सपोर्ट भी
Gold Jewelry Export: भारत में करीब 70 हज़ार ज्वेलरी मैन्युफैक्चर यूनिट हैं. उसमें से सिर्फ 700 यूनिट ही ऐसी हैं जिनकी बनाई जूलरी विदेशों में एक्सपोर्ट होती है.
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Indian Gold Jewelery Export: भारतीय गोल्ड जूलरी को विश्व स्तर पर बढ़ाने और उसको नई पहचान दिलाने कि दिशा में पहल की गई है. इसके तहत भारत के ज्वैलर संगठन विदेशों की ज्वेलरी कंपनियों से करार करके भारत (India) में बनी जूलरी को एक्सपोर्ट करेंगे. इंडिया बुलियन जूलर्स एसोसिएशन (India Bullion Jewelers Association) के मुताबिक, भारत विदेशों से गोल्ड (Gold) और जूलरी ज्यादा आयात (Import) करता है लेकिन गोल्ड जूलरी एक्सपोर्ट (Gold Jewelery Export) के मामले में भारत बहुत पीछे है. इस वजह से भारत में सिर्फ गोल्ड बाहर से आता तो है लेकिन जाता नहीं है. जूलर्स एसोसिएशन (Jewelers Association) इस दिशा में एक पहल करने जा रहा है.
भारत जूलरी एक्सपोर्ट में क्यों पीछे?
इंडिया बुलियन जूलर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट चेतन मेहता के मुताबिक, भारत में करीब 70 हज़ार जूलरी मैन्युफैक्चर यूनिट है. उसमें से सिर्फ 700 यूनिट ही ऐसी है जिनकी बनाई जूलरी विदेशों में एक्सपोर्ट होती है. जूलरी बनाने वाले लोग भारत से जूलरी एक्सपोर्ट करने के मामले में ज्यादा शिक्षित नहीं है. भारतीय जूलर्स को नहीं पता कि किस तरह से विदेशों से एक्सपोर्ट का बिजनेस होता है, कैसे बढ़ता है, किस तरह से उनके रिस्क को कवर किया जा सकता है. इन सबकी जानकारी उन्हें नहीं है, जिसकी वजह से भारत से जूलरी निर्यात कम हो पाता है. इसी को आगे बढ़ाने के लिए इंडिया बुलियन जूलर्स एसोसिएशन यह कदम उठाने जा रहा है और विदेशों में काम करने वाले जूलरी कंपनियों से करार कर रहा है.
दुबई की कंपनी से हुआ करार
ऑल इंडिया बुलियन जूलर्स एसोसिएशन के साथ जूलर प्लैनेट दुबई की कंपनी का करार हुआ है. दुबई की यह कंपनी भारत के जूलरी मैन्युफैक्चरिंग को अपने साथ जोड़ कर जूलरी एक्सपोर्ट के बिजनेस को भारत से विदेशों में और बढ़ाने का काम करने जा रही है. जूलर्स प्लैनेट दुबई के सीईओ गोविंद वर्मा के मुताबिक, भारत में बहुत ही ज्यादा पोटेंशियल है. भारत की जूलरी और उसकी डिजाइन विदेशों में बहुत पसंद की जाती है लेकिन यहां के मैन्युफैक्चरर्स अपने प्रोडक्ट को विदेशों में ठीक तरह से भेज नहीं पाते और उनकी पहुंच बहुत कम है.
इस वजह से भारत की जूलरी में बनी अच्छी डिजाइन एक्सपोर्ट नहीं हो पाते, जिसकी वजह से भारत आज तक सोने की ज्वेलरी एक्सपोर्ट करने के मामले में पीछे रहा है. भारतीय जूलर्स को अगर सही तरीके से गाइड किया जाएगा और एक प्लेटफॉर्म दिया जाएगा तो भारत से जूलरी एक्सपोर्ट का बिजनेस काफी बड़ा हो सकता है.
सरकार भी दे रही छोटे जूलर्स को बढ़ावा
भारत सरकार भी छोटे-छोटे जूलरी के कारखाने चलाने वाले लोगों को भी बढ़ावा दे रही है. सरकार उनका पूरी तरह से सहयोग करने के लिए काम कर रही है. इन छोटे-छोटे जूलरी मैन्युफैक्चरर को अगर इस तरह से प्लेटफॉर्म मिलता है, तो बड़े कारोबारियों के बीच इन छोटे लोगों को भी अपना व्यापार करने का मौका मिलेगा. इससे देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी साथ ही भारत की बनी जूलरी और डिजाइन पूरे विश्व में व्यापार बढ़ा सकती है.
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