नई दिल्ली: साढे बारह हजार करोड़ रुपये के बैंक घोटाले मामले में ईडी बुधवार को नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से संबंधित लगभग 1350 करोड़ रुपये के हीरे जवाहरात हांगकांग से वापस लाया. इन जवाहरातों को हांगकांग की एक लॉजिस्टिक कंपनी के गोदाम में रखा गया था. हीरे जवाहरात की ये खेप ईडी के पूर्व निदेशक करनैल सिंह के समय में ही पकड़ी गई थी और तब से इनको लाने के लिए लगातार प्रयास जारी थे.


ईडी अधिकारियों के मुताबिक बैंक घोटाले के आरोपियों नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने घोटाले से संबंधित काफी रकम विभिन्न विदेशी देशों को भेज दी थी. बुधवार को भारत वापस लाए गए हीरे जवाहरात आदि 108 खेपो के जरिए विदेशों में भेजा गया था जिससे किसी को यह शक भी ना हो सके कि घोटाले की रकम को हीरे जवाहरातओं की शक्ल में बदलकर विदेश भेजा जा रहा है. भारत वापस लाए गए सामान में पॉलिश किए गए हीरे मोती और चांदी के गहने आदि शामिल हैं. इन गहनों का कुल वजन 2340 किलोग्राम बताया गया है.


इन जवाहरातों को 2018 की शुरुआत में पहले भारत से दुबई और फिर दुबई से हांगकांग भेजा गया था. प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को जुलाई 2018 में इन कीमती सामानों के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी और उसके बाद तत्कालीन निदेशक करनैल सिंह ने हांगकांग प्रशासन समेत अनेक अथॉरिटी से इस बाबत बातचीत की थी और इस सामान को हांगकांग में ही सील करा दिया गया था. ईडी निदेशक के पद से कर्नल सिंह के रिटायर होने के बाद भी इस सामान को विदेश से लाए जाने के लिए विभिन्न स्तर पर लिखा पढ़त होती रही और अंतत ईडी को यह सामान वापस लाने में सफलता हाथ लगी सभी कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद इन गहनों को आज वापस भारत लाया गया है.


ईडी के एक आला अधिकारी ने बताया कि आज जो सामान भारत वापस लाया गया है उसमें से 32 खेप नीरव मोदी की कंपनियों से संबंधित हैं. बाकी मेहुल चोकसी द्वारा नियंत्रित कंपनियों से संबंधित है. इसके पहले भी ईडी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के मामले में दुबई और हांगकांग से कीमती सामानों की लगभग तीन दर्जन खेपों को सफलतापूर्वक वापस लाया था जिनका मूल्यांकन लगभग 137 करोड़ रुपये किया गया था भारत वापस लाए गए सामान को फ़िलहाल जप्त कर लिया गया है और वैल्यूअर द्वारा अब इनकी वास्तविक कीमत का आकलन कराया जा रहा है.


ध्यान रहे कि नीरव मोदी इस समय लंदन में जबकि मेहुल चोकसी British virgin Island के पास बारामुडा में है. दोनों को वापस भारत प्रत्यर्पित कराने की अभी तक की ईडी की तमाम कोशिशें फिलहाल नाकाम साबित होती दिख रही है क्योंकि मेहुल चोकसी के बारे में वहां की सरकार ने स्पष्ट किया है कि चोकसी को भारतीय एजेंसियों की हरी झंडी के बाद ही बारामूडा की नागरिकता दी गई थी लिहाजा वह वहां का नागरिक है और वहां के नियमों के हिसाब से ही उसे वापस भेजा जाएगा जबकि नीरव मोदी मामले में अभी तक लंदन में चल रहे प्रत्यर्पण मामले में कोई उल्लेखनीय सफलता हाथ नहीं लगी है. यह दोनों घोटाला खुलने के पहले ही देश छोड़कर फरार हो गए थे और इनके भारत से भाग जाने के बाद इनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे.


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