यूपी: दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा एयरपोर्ट नोएडा के पास ज़ेवर में बनेगा. अभी ये बनना शुरू भी नहीं हुआ है, लेकिन चर्चे देश विदेश में होने लगे हैं. सात समंदर पार न्यूयॉर्क में ज़ेवर एयरपोर्ट के बारे में बताया जाएगा. अमेरिका का वित्त मंत्रालय 25 से 27 मार्च तक एक कार्यक्रम कर रहा है. इसे ग्लोबल इन्फ़्रस्ट्रक्चर लीडरशिप फ़ोरम नाम दिया गया है. वहां की सरकार ने यूपी सरकार को भी इस कार्यक्रम में बुलाया है. ज़ेवर एयरपोर्ट को इस साल के दुनिया के 100 बड़े इन्फ़्रस्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है. न्यूयॉर्क के लीडरशिप फ़ोरम में दो सेशन में यूपी सरकार अपना प्रेज़ेंटेशन रखेगी.


यूपी की योगी सरकार ने ज़ेवर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने का फ़ैसला किया है. यूपी में बनने वाला ये दुनिया का 5वां सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा. ग्रेटर नोएडा के ज़ेवर में क़रीब 5000 हेक्टेयर में इसे बनाया जाना है. राज्य सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि 2023 का डेडलाइन दिया गया है. इसके बाद यहां से फ़्लाइट का संचालन शुरू हो जाएगा. अभी चीन का शंघाई एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है. जो 3988 हेक्टेयर इलाक़े में फैला हुआ है. ज़ेवर एयरपोर्ट तैयार होने पर वो एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा. दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट सऊदी अरब में है. एनसीआर में दिल्ली और ग़ाज़ियाबाद के बाद ज़ेवर तीसरा एयरपोर्ट होगा.


ज़ेवर एयरपोर्ट को बनाने में 30 हज़ार करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है. पहले चरण में सिर्फ़ दो रनवे तैयार किए जायेंगे. बाद में इसे बढ़ा कर 8 रनवे करने की योजना है. राज्य सरकार का दावा है कि इस एयरपोर्ट से क़रीब एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार मिलेगा. हवाई अड्डा बन जाने से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग़ाज़ियाबाद में एक लाख करोड़ का इन्वेस्टमेंट आ सकता है. ज़ेवर एयरपोर्ट के लिए ज़मीन अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है. अभी तक 1334 हेक्टेयर ज़मीन किसानों से ख़रीदी जा चुकी है. राज्य सरकार की तरफ़ से किसानों को उचित मुआवज़ा दिया गया है. इस कारण अब तक कहीं भी किसानों ने किसी तरह का विरोध नहीं किया है. एयरपोर्ट बनाने का काम ज़्यूरिख़ कंपनी को दिया गया है. ज़ेवर हवाई अड्डे के पास एक टाउनशिप बनाने की भी योजना है. यहां घर, ऑफिस, बाज़ार, स्कूल और अस्पताल भी होंगे. इसे क्लीन सिटी ग्रीन सिटी की थीम पर बनाया जाएगा.


ज़ेवर एयरपोर्ट बनाने का आइडिया मूल रूप से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का है. ये बात 2001 की है. तब वे यूपी के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. फिर जब मायावती सीएम बनीं तब उन्होंने इस पर काम शुरू किया. उनकी सरकार ने 2 हज़ार हेक्टेयर ज़मीन भी अधिग्रहीत कर ली थी. लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पाई. केंद्र की यूपीए सरकार ने मायावती को हवाई अड्डा बनाने की मंज़ूरी नहीं दी. योगी आदित्यनाथ जब यूपी के सीएम बने तो फ़ाइल फिर आगे बढ़ी. मोदी सरकार से मंज़ूरी मिली और अब ज़ेवर एयरपोर्ट राज्य सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट बन गया है.


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