रांची: झारखंड में एलजेपी ने अकेले चुनाव लड़ने का एलान किया है. इसपर एलजेपी के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि पिछले कुछ सालों में झारखंड में लगातार एलजेपी का आधार बढ़ा है. उन्होंने कहा कि वे लगातार बीजेपी के संपर्क में थे. उन्होंने लिखित रूप में अमित शाह, जेपी नड्डा, बीजेपी के राज्य प्रभारी ओपी माथुर और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास को ये जानकारी दी थी कि कुछ सीटों पर हम चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन अचानक बीजेपी ने 52 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया. इनमें वो सीटें भी शामिल थीं जो हम मांग रहे थे तो फिर हमारे पास कोई विकल्प नहीं था.
चिराग पासवान ने कहा कि इसलिए मेरे ऊपर मेरी राज्य इकाई का दबाव था कि हम वहां कम से कम उन सीटों पर चुनाव ज़रूर लड़ें जहां हमारी स्थिति मजबूत है. क्या इससे झारखंड में एनडीए को नुकसान नहीं होगा, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अब बीजेपी ने जो फ़ैसला किया है कुछ सोचकर ही किया होगा.
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महाराष्ट्र पर चिराग पासवान का बयान
एलजेपी नेता ने कहा कि महाराष्ट्र में जनादेश एनडीए के लिए था लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि वहाँ सरकार नहीं बन पाई. दोनों (बीजेपी और शिवसेना) ही दलों की सरकार बनाने की जिम्मेदारी थी. इससे पहले ट्वीट करते हुए भी चिराग पासवान ने कहा था कि दोनों दलों की महत्वाकांक्षा की वजह से राज्य में सरकार नहीं बन पाई.
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गौरतलब है कि पहले ये चर्चा थी कि एलजेपी झारखंड में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. उधर बिहार में बीजेपी की सहयोगी जेडीयू भी राज्य में अकेले चुनाव लड़ रही है. बता दें कि झारखंड में पांच चरणों में चुनाव होने हैं. राज्य में विधानसभा की 81 सीटे हैं. पहले चरण के तहत 30 नवंबर को 13 सीटों पर वोटिंग होनी है.
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