रांचीः झारखंड विधानसभा चुनावों के पहले चरण में 13 विधानसभा सीटों के लिए कल मतदान होना है और इस चरण के लिए बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को प्रचार के लिए उतार कर अपनी पूरी ताकत झोंक दी जबकि विपक्षी महागठबंधन की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सरीखे बड़े नेता प्रचार के लिए नहीं पहुंचे.


बीजेपी की ओर से चुनाव प्रचार की कमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संभाली. उन्होंने 25 नवंबर को झारखंड के डाल्टनगंज और गुमला में दो चुनाव सभाएं कर राम मंदिर निर्माण, राष्ट्रीय सुरक्षा, जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाये जाने, नक्सलवाद और विकास विपक्ष के भ्रष्टाचार को प्रमुख रूप से जनता के सामने रखा.


पीएम मोदी ने राम मंदिर निर्माण में देरी के लिए कांग्रेस और उसके सहयोगियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का फैसला कर दिया है और राम जन्म स्थान पर गगनचुंबी राम मंदिर का निर्माण किया जायेगा.


अमित शाह ने सिब्बल को ‘निर्लज्ज’


बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 21 नवंबर को मणिका एवं लोहरदगा और 28 नवंबर को चतरा और गढ़वा में जनसभाएं कर पार्टी के चुनाव प्रचार को धार दी. अमित शाह ने चतरा की सभा में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल पर राम मंदिर मामले की सुनवाई को अटकाने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए उन्हें ‘निर्लज्ज’ कहा.


बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रथम चरण के लिए चुनाव प्रचार किया. कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार की कमान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह, सुबोधकांत सहाय आदि ने संभाली.


कांग्रेस के प्रदेश नेताओं ने बताया कि महाराष्ट्र के घटनाक्रम में व्यस्तता के चलते अनेक नेता चुनाव प्रचार के लिए नहीं पहुंच सके. प्रथम चरण के चुनाव में कांग्रेस छह सीटें लड़ रही है. गठबंधन में चुनाव लड़ने के लिए उसे 13 सीटें मिली हैं.


जेएमएम और आरजेडी ने भी संभाली कमान


महागठबंधन के मुख्य सदस्य झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से चुनाव प्रचार की कमान पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने संभाली. राष्ट्रीय जनता दल के प्रचार की कमान तेजस्वी यादव और शरद यादव ने संभाली.


विपक्षी महागठबंधन के नेताओं ने अपनी सभाओं में मुख्य रूप से आदिवासियों के हितों के मामले और स्थानीय मुद्दे उठाये. जेएमएम ने बीजेपी की राज्य सरकार पर आदिवासियों की उपेक्षा और भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाये.


कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह झारखंड चुनावों में जानबूझकर अपनी नाकामी छिपाने के लिए आर्टिकल 370 और राम मंदिर के मामले उठा रही है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी के सहयोगी भी उसकी नीतियों से खफा हैं इसी कारण इन चुनावों में उसके साथ कोई नहीं है.


बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा और सुदेश महतो की आजसू भी इन चुनावों में पूरे जोरशोर से प्रचार में जुटे हैं. इन चुनावों में बीजेपी का आजसू से चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं हो सका है.


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