रांची: कल यानि सोमवार को झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आने वाले हैं. लेकिन नतीजों से ठीक पहले जिस तरह की तस्वीर एग्जिट पोल में दिखाई दे रही है उससे लगता नहीं कि स्थिर सरकार बन पाएगी. C-वोटर और एबीपी न्यूज़ के संयुक्त सर्वे में बीजेपी-32, महागठबंधन-35, जेवीएम-3, आजसू-5, और अन्य 6 सीट हासिल करते दिख रहे हैं. लेकिन बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए 41 सीटों की जरूरत है जो कि सर्वे के मुताबिक किसी भी दल या गठबंधन को मिलती नहीं दिख रही है. तो आखिर सरकार की तस्वीर क्या होगी? क्या झारखंड में भी त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनती दिख रही है? अगर आंकड़ों और सर्वे के आधार पर देखें तो काफी हद तक त्रिशंकु विधानसभा की उम्मीद दिख रही है. राज्य में विधानसभा की 81 सीटें हैं.


झारखंड राज्य का गठन सन 2000 में हुआ था, और तब से अब तक के इतिहास पर अगर नजर डालें तो 2014 की रघुवर सरकार से पहले किसी भी दल या गठबंधन ने 5 सालों तक अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है. इसबार के नतीजे अगर एग्जिट पोल के करीब आये तो दल बदल या खरीद फरोख्त के खेल से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन शायद इससे भी पहले पार्टियों का आपसी गणित शुरू हो जाये. जैसे अगर बीजेपी 41 के करीब नंबर लाने में कामयाब हो जाती है तो बहुत मुमकिन है कि पुराना सहयोगी आजसू बीजेपी के साथ आ जाये, या अगर बीजेपी 41 से काफी दूर रहती है तो मुमकिन है कि जेवीएम को भी साथ ले लिया जाए.


झारखंड में इस समय की राजनीतिक चर्चाओं पर गौर करें तो एक धड़ा ये भी है जो ये मानता है कि अगर जेवीएम और बीजेपी साथ आते हैं तो जेवीएम पार्टी का बीजेपी में विलय हो सकता है, और बाबूलाल मरांडी एक बार फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बीजेपी नेता के तौर पर बैठ सकते हैं. अब से कुछ घंटों बाद जब EVM में वोटों की गिनती शुरू होगी तो कयास और चर्चाओं का दौर रुक जाएगा और असली नतीजे सबके सामने होंगे. लेकिन मौजूदा हालात को देखें तो एकबात तो साफ लग रही है कि AJSU और जेवीएम किंग न सही लेकिन किंग मेकर जरूर बन सकते हैं.


यह भी पढ़ें-


जानिए- झारखंड में नागरिकता कानून और राम मंदिर जैसे बड़े मुद्दों से कैसे दूर रही कांग्रेस?