कल झारखंड विधानसभा के अंतिम चरण का चुनाव, सोरेन परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर
लोकसभा चुनाव में जेएमएम कुछ खास नहीं कर पाई. अब विधानसभा चुनाव में उसके सामने कमबैक करने की चुनौती है. हेमंत सोरेन दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं शिबू सोरेने की बड़ी बहू सीता सोरेन भी चुनावी मैदान मे हैं.
रांची: झारखंड में आखिरी चरण के विधानसभा चुनाव में शिबू सोरेन के परिवार की प्रतिष्ठा दांव पर है. बीते चार चरणों में 65 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है जबकि बाकी 16 सीटों पर कल शुक्रवार को मतदान किया जाना है. इस बार झारखंड में बीजेपी अकेले ही चुनाव लड़ रही है तो दूसरी तरफ़ पिछले विधानसभा चुनाव में रनर अप रही झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) इस बार कांग्रेस और आरजेडी के साथ मिलकर ताल ठोक रही है. जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी ने क्रमशः 43, 31 और सात सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा है.
आख़िरी चरण में सोरेन परिवार की प्रतिष्ठा दाव पर
शुक्रवार को जिन सीटों पर मतदान होना है वो संथाल की सीटें हैं. ग़ौरतलब है कि दिशोम गुरु कहे जाने वाले शिबू सोरेन के बेटे और जेएमएम प्रमुख हेमंत सोरेन इस बार दो विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ रहें हैं. दूसरी तरफ़ शिबू सोरेन की बड़ी बहु सीता सोरेन भी जामा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरीं हैं. लोकसभा चुनाव में एक सीट बचा पायी जेएमएम के लिए विधानसभा चुनाव में कमबैक करने की बड़ी चुनौती है. लोकसभा में राजमहल सीट पर जेएमएम में जीत दर्ज की थी जबकि जेएमएम के कर्ताधर्ता कहे जानेवाले शिबू सोरेन भी अपनी सीट नहीं बचा पाए थे. शिबू सोरेन को उनके ही घर यानी दुमका लोकसभा सीट से बीजेपी के सुनील सोरेन ने मात दे दी थी.
बिहार बंद: कन्हैया कुमार ने कहा- हिंदू और मुसलमान नहीं हिंदुस्तान के खिलाफ है नागरिकता कानून
बीजेपी को इस चुनाव में 'मोदी मैजिक' का इंतज़ार
झारखंड के मौजूदा सीएम रघुवर दास पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने झारखंड में पूरे पांच साल सरकार चलायी हो. बावजूद इसके इस बार के चुनाव में बीजेपी की बागडोर पीएम नरेंद्र मोदी ने संभाल रखी है. लगातार चुनावी सभाओं को संबोधित करने पीएम मोदी अलग अलग चरणों में झारखंड पहुंचे. विकास का नारा देने वाली बीजेपी ने फ़्रंटफ़ुट पर सीएम रघुवर दास को न रखकर पीएम मोदी को ही आगे किया है. तभी अलग अलग विज्ञापनों में “चलो चलें मोदी के साथ, चलो चलें विकास के साथ” जैसा नारा दिया है.
आख़िरी चरण में शाह-मोदी से लेकर प्रियंका गांधी तक सभी ने झोंकी ताकत
झारखंड विधानसभा चुनाव के आख़िरी चरण में तमाम बड़े चेहरों को पार्टियों ने मैदान में उतार अपनी अपनी ताक़त झोंक दी. पाकुड़ में 16 दिसम्बर को चुनावी सभा को सम्बोधित करने पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह ने राम मंदिर पर आए फ़ैसले का ज़िक्र करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है. चार महीने के अंदर आसमान को छूता हुआ प्रभु राम का मंदिर अयोध्या में बनने जा रहा है.' उन्होंने जेएमएम के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस न तो विकास कर सकती है न जन भावनाओं का सम्मान.
दूसरी तरफ़ कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भी पाकुड़ में चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुए मोदी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि ये सरकार देश के विकास के लिए कोई काम नहीं कर रही है. उन्होंने रोजगार, बंद हो रहे उद्योग, बेरोजगारी, शिक्षा, गरीबी, महिला सुरक्षा पर सरकार क्या कर रही है इस बारे में पूछा. नागरिकता बिल को लेकर हो रहे बवाल पर प्रियंका गांधी ने असम से लेकर दिल्ली इस मुद्दे पर जल रही है लेकिन सरकार लाठियां और गोलियां बरसा रही है.
बीजेपी का अबकी बार 65 पार का लक्ष्य
विधानसभा चुनाव 2014 बीजेपी राज्य की पहली ऐसी पार्टी थी जिसे स्पष्ट बहुतमत मिला था. इस चुनाव में 72 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली बीजेपी को 37 सीटों पर जीत मिली थी और साथ ही गठबंधन में रही आजसू ने भी पांच सीटों पर जीत हासिल की थी. इस बार बड़े अंतर से जीतने का इरादा लेकर उतरी बीजेपी अकेले ही राज्य में मोर्चा संभाले हुए है. सीएम रघुवर दास के हर ट्वीट में “#अबकी बार_65 पार” का इस्तेमाल हुआ है. 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग हुए झारखंड में ये पांचवा विधानसभा चुनाव है. आदिवासी बहुल झारखंड के मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2020 को पूरा हो रहा है. 23 दिसंबर 2019 को चुनाव के नतीजे आएंगे.