झारखंड: बाबूलाल मरांडी के BJP में जाने का असर,कांग्रेस में दिखने लगी आपसी कलह
आदर्श सिंह
Updated at:
16 Feb 2020 08:49 PM (IST)
राज्य में इसे बाबूलाल की घर वापसी के तौर पर भी देखा जा रहा है. करीब 14 साल बाद BJP और बाबूलाल दोनों एक दूसरे के होने जा रहे हैं.
बाबूलाल मरांडी
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रांची: झारखंड विकास मोर्चा यानी कि JVM के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी कल यानी 17 फरवरी को अपनी पार्टी JVM का BJP में विलय कर खुद BJP में शामिल हो जाएंगे, बाबूलाल पहले भी BJP के नेता रहे हैं. जब सन 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड एक नए प्रदेश के तौर पर गठित हुआ तो राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ही थे उस वक्त बाबूलाल BJP के चेहरा हुआ करते थे.
साल 2006 में पार्टी की अंदरूनी राजनीति की वजह से बाबूलाल ने BJP से इस्तीफा देकर अपनी नई पार्टी JVM का गठन किया. तब से अबतक तकरीबन 14 साल बीत जाने के बाद अभी तक हुए सभी चुनावों में बाबूलाल ने BJP का भरपूर विरोध किया लेकिन अब 14 साल बाद BJP और बाबूलाल दोनों एक दूसरे के होने जा रहे हैं. राज्य में इसे बाबूलाल की घर वापसी के तौर पर भी देखा जा रहा है.
पार्टी के 2 विधायक नाराज, जल्द थाम सकते हैं कांग्रेस का दामन
2019 के झारखंड विधानसभा चुनावों में बाबूलाल मरांडी की पार्टी को कुल 3 सीटें मिली जिसमें बाबूलाल के साथ-साथ पार्टी के दो बड़े चेहरे बंधु तिर्की और प्रदीप यादव शामिल हैं. लेकिन बाबूलाल के BJP में शामिल होने के फैसले से पार्टी को दोनों विधायक नाराज हैं. इतना ही नहीं तमाम नाराजगी और बातचीत के बीच में ही बंधु तिर्की और प्रदीप यादव ने कांग्रेस के आलाकमान नेताओं से मुलाकात कर ये जाहिर कर दिया कि वो BJP में न जाकर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. इसके बाद JVM ने दोनों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए पार्टी से निकाल दिया.
कांग्रेस में नाराजगी
बंधु तिर्की झारखंड में एक आदिवासी नेता के रूप में जाने जाते हैं वहीं प्रदीप यादव की छवि एक मजबूत नेतृत्व वाले नेता की है. ऐसे में दोनों के कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस के कई नेताओं में नाराजगी है. उसका कारण है कि अगर ये दोनों नेता कांग्रेस में आते हैं तो पार्टी के उन नेताओं की राजनीति पर खतरा बढ़ेगा जो इन जातिगत समीकरण के आधार पर राजनीति करते आ रहे हैं. ऐसे में झारखंड कांग्रेस के अंदर इस वक्त दो गुट बन गए हैं. एक गुट JVM के इन पूर्व नेताओं को पार्टी में लाने का स्वागत कर रहा है तो वहीं दूसरा गुट इनके आने का विरोध कर रहा है.
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इन नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की खबर से जामताड़ा से कांग्रेस विधायक और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर इरफान अंसारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि इस्तीफे के पीछे का ये आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है लेकिन मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों के लिहाज से इसे जोड़कर देखा जा रहा है. आपको बता दें कि झारखंड में फिलहाल JMM,कांग्रेस और RJD के गठबंधन की सरकार है.
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रांची: झारखंड विकास मोर्चा यानी कि JVM के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी कल यानी 17 फरवरी को अपनी पार्टी JVM का BJP में विलय कर खुद BJP में शामिल हो जाएंगे, बाबूलाल पहले भी BJP के नेता रहे हैं. जब सन 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड एक नए प्रदेश के तौर पर गठित हुआ तो राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ही थे उस वक्त बाबूलाल BJP के चेहरा हुआ करते थे.
साल 2006 में पार्टी की अंदरूनी राजनीति की वजह से बाबूलाल ने BJP से इस्तीफा देकर अपनी नई पार्टी JVM का गठन किया. तब से अबतक तकरीबन 14 साल बीत जाने के बाद अभी तक हुए सभी चुनावों में बाबूलाल ने BJP का भरपूर विरोध किया लेकिन अब 14 साल बाद BJP और बाबूलाल दोनों एक दूसरे के होने जा रहे हैं. राज्य में इसे बाबूलाल की घर वापसी के तौर पर भी देखा जा रहा है.
पार्टी के 2 विधायक नाराज, जल्द थाम सकते हैं कांग्रेस का दामन
2019 के झारखंड विधानसभा चुनावों में बाबूलाल मरांडी की पार्टी को कुल 3 सीटें मिली जिसमें बाबूलाल के साथ-साथ पार्टी के दो बड़े चेहरे बंधु तिर्की और प्रदीप यादव शामिल हैं. लेकिन बाबूलाल के BJP में शामिल होने के फैसले से पार्टी को दोनों विधायक नाराज हैं. इतना ही नहीं तमाम नाराजगी और बातचीत के बीच में ही बंधु तिर्की और प्रदीप यादव ने कांग्रेस के आलाकमान नेताओं से मुलाकात कर ये जाहिर कर दिया कि वो BJP में न जाकर कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. इसके बाद JVM ने दोनों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए पार्टी से निकाल दिया.
कांग्रेस में नाराजगी
बंधु तिर्की झारखंड में एक आदिवासी नेता के रूप में जाने जाते हैं वहीं प्रदीप यादव की छवि एक मजबूत नेतृत्व वाले नेता की है. ऐसे में दोनों के कांग्रेस में शामिल होने से कांग्रेस के कई नेताओं में नाराजगी है. उसका कारण है कि अगर ये दोनों नेता कांग्रेस में आते हैं तो पार्टी के उन नेताओं की राजनीति पर खतरा बढ़ेगा जो इन जातिगत समीकरण के आधार पर राजनीति करते आ रहे हैं. ऐसे में झारखंड कांग्रेस के अंदर इस वक्त दो गुट बन गए हैं. एक गुट JVM के इन पूर्व नेताओं को पार्टी में लाने का स्वागत कर रहा है तो वहीं दूसरा गुट इनके आने का विरोध कर रहा है.
इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इन नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की खबर से जामताड़ा से कांग्रेस विधायक और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष डॉक्टर इरफान अंसारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि इस्तीफे के पीछे का ये आधिकारिक कारण नहीं बताया गया है लेकिन मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों के लिहाज से इसे जोड़कर देखा जा रहा है. आपको बता दें कि झारखंड में फिलहाल JMM,कांग्रेस और RJD के गठबंधन की सरकार है.
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