रांची: किसी भी राज्य में चुनाव की सुगबुगाहट मात्र से ही सत्तारूढ़ और विपक्षी पार्टियों का आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता है. इसी से ये भी मान लिया जाता है कि राज्य में चुनाव जल्द ही शुरू होने वाला है. झारखंड में भी विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान होने में महज कुछ दिन ही बचे हैं ऐसे में राजनीतिक पार्टियों का आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.


झारखंड की सत्ता में आने के बाद से ही बीजेपी लगातार मुख्य विपक्षी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को घेरने का काम कर रही है. चाहे वो जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की संपत्ति को लेकर हो चाहे आदिवासियों पर जेएमएम की राजनीति के तरीके को लेकर हो. बीजेपी लगातार आक्रामक रुख में रही है और अब नया आरोप है कि हेमंत सोरेन की 500 करोड़ की अघोषित संपत्ति है.


दरअसल पिछले कुछ महीनों से बीजेपी की तरफ से ये लगातार आरोप लगाया जाता रहा है कि जेएमएम के हेमंत सोरेन के पास 100 करोड़ से ज्यादा की अघोषित संपत्ति है. अब चुनाव के नजदीक आने पर ये 100 करोड़ का आंकड़ा 500 करोड़ तक पहुंच गया. अभी तक बीजेपी ने आरोपों के साथ कुछ पुराने केस की फाइलों को भी सामने रखा था और अब नए आरोप के साथ दूसरे तथ्य पेश करने की बात कर रही है. हालांकि हेमंत सोरेन ने पूरे मामले में बीजेपी को 10 दिन की मोहलत देते हुए कहा है कि वो या तो बिना शर्त मांफी मांगे या फिर मानहानि के मुकदमे के लिए तैयार रहें.


वहीं जेएमएम प्रवक्ता विनोद पांडेय का कहना है कि ये आरोप प्रत्यारोप का समय नहीं है. बीजेपी झूठे बयान दे रही है. अगर सच में उनके पास सुबूत है तो हेमंत सोरेन को गिरफ्तार क्यों नहीं करती है. या तो इनकी व्यवस्था खराब है कि ये पकड़ नहीं पा रहे हैं या फिर ये झूठ बोल रहे हैं. ऐसे में अब ये तय करें कि ये लोग आखिर कर क्या रहे हैं. सारे आरोप बेबुनियाद हैं. हम इसपर कार्रवाई करेंगे.


बीजेपी के आरोप पर जेएमएम नोटिस भेज रही है तो वहीं बीजेपी इसके जवाब में 10 नोटिस भेजने की धमकी दे रही है. झारखंड में चुनाव नजदीक है और ऐसे में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का ये सिलसिला शुरू हो चला है लेकिन बीजेपी ने 500 करोड़ की गोटी फेंक कर जेएमएम को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.


बीजेपी के 500 करोड़ के आरोप में कितनी सच्चाई है ये कहना तो मुश्किल है लेकिन इस तरह से वो से पहले विपक्षी पार्टियों पर दबाव बनाने में जरूर कामयाब हो सकती है. झारखंड में चुनाव होने में बहुत कम समय बचा हुआ है ऐसे में सभी पार्टियां साम, दाम, दंड और भेद अपना रही हैं. जाहिर है बीजेपी और जेएमएम इससे अछूते नहीं हैं.


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