Hemant Soren: अवैध खनन मामले में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन ने मांगा तीन सप्ताह का समय, जल्द नई तारीख देगी ईडी
Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कथित अवैध खनन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय के समन पर पूछताछ के लिए नहीं आए. अब उन्होंने इस मामले में तीन सप्ताह का समय मांगा है.
Jharkhand News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कथित अवैध खनन के एक मामले में आज प्रवर्तन निदेशालय के भेजे गए समन पर पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए और अब उन्होंने इस मामले में पूछताछ के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में कथित अवैध खनन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश होने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगा है. इस पर संघीय जांच एजेंसी, ईडी उन्हें जल्द ही नई तारीख जारी कर सकती है.
सूत्रों ने कहा कि एजेंसी को मुख्यमंत्री कार्यालय से एक पत्र मिला है जिसमें सोरेन ने अपने समक्ष पेश होने के लिए कम से कम तीन सप्ताह का समय मांगा है. उन्होंने आधिकारिक प्रतिबद्धताओं का हवाला देते हुए गुरुवार को एजेंसी के सामने पेश होने में असमर्थता जताई.
सोरेन ने कहा था- आओ, मुझे गिरफ्तार कर लो
इससे पहले गुरुवार को अपने आवास के पास झामुमो समर्थकों को संबोधित करते हुए सोरेन ने कहा, "ईडी ने मुझे एक साजिश के तहत तलब किया है. अगर मैंने कोई अपराध किया है तो पूछताछ के लिए समन भेजने के बजाय आओ और मुझे गिरफ्तार करो. उन्होंने कहा, "मैं न तो डरता हूं और न ही चिंतित हूं. बल्कि मैं मजबूत होकर उभर रहा हूं. झारखंड के लोग चाहें तो विरोधियों को छिपने की जगह नहीं मिलेगी."
सूत्रों के हवाले से खबर मिली कि मुख्यमंत्री आज किसी आदिवासी उत्सव में शामिल होने के लिए रायपुर के लिए रवाना हो रहे हैं और वह आज ईडी कार्यालय में उपस्थित नहीं होने जा रहे हैं.” ईडी ने सोरेन को यहां अपने क्षेत्रीय कार्यालय में सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए पेश होने को कहा था लेकिन वह वहां नहीं गए. मुख्यमंत्री सोरेन ईडी के समन की परवाह ना करते हुए पूछताछ की बजाय एक आदिवासी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए छत्तीसगढ़ चले गए हैं.
पांच नवंबर को प्रदर्शन करेगा झामुमो
अवैध खनन से जुड़े एक मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी के समन के बाद मुख्यमंत्री रांची के हिनू स्थित ईडी कार्यालय में पहुंचने वाले थे. इसके लिए मुख्यमंत्री ने झामुमो कार्यकर्ताओं को ईडी कार्यालय हिनू में इकट्ठा होने के लिए कहा था. केंद्र द्वारा उनकी सरकार गिराने के प्रयासों के विरोध में हर्मू, भाजपा कार्यालय और मोराबादी में पांच नवंबर को भारी संख्या में मैदान में उतरेंगे.
झामुमो की केंद्रीय समिति के सदस्य मुस्ताक आलम ने बताया कि, "आज हम भविष्य की रणनीति बनाने के लिए मोराबादी मैदान में बैठक करेंगे. हम किसी कानूनी प्रक्रिया से नहीं बच रहे हैं. लेकिन उन्हें पहले मुख्यमंत्री को सूचित करना चाहिए था, उनका कार्यक्रम पहले से तय है."
ये सब सरकार को गिराने की साजिश चल रही है
झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कल एक बयान में कहा था, “साजिश 2020 में ही शुरू हो गई थी. विपक्ष केंद्रीय एजेंसी का इस्तेमाल शासन में अतिक्रमण करने और सरकार को अस्थिर करने के लिए कर रहा है. वे 2019 के जनादेश को लूटना चाहते हैं, जो झारखंड के दो दशक के इतिहास में ऐतिहासिक था.
उन्होंने कहा कि उन्हें पर्याप्त जवाब देने के लिए हम तैयार हैं और झारखंड आंदोलन के दौरान हमने जो किया था, उसी तरह एक सड़क-से-विधानसभा की लड़ाई शुरू करने के लिए फिर से हम तैयार हैं, जिसे लोग आज भी याद करते हैं.”