रांची से दिल्ली के लिए निकले, नहीं मिला कोई सुराग... फिर अचानक से रांची में हुए प्रकट, जानिए हेमंत सोरेन के 31 घंटे गायब रहने की कहानी
Jharkhand CM Hemant Soren: 27 जनवरी को हेमंत सोरेन दिल्ली के लिए रवाना हुए थे, उसके बाद से उनका कोई पता नहीं चला. फिर अचानक से उन्हें रांची में देखा जाता है.
Hemant Soren Missing Story: बिहार के खेला पर अभी विराम लगा ही था कि झारखंड का खेला शुरू हो गया. झारखंड में जो खेल चल रहा है उसमें सस्पेंस भी है. रोमांच भी है. सवाल भी है और रहस्यों का जाल भी है. पूरे देश में सोरेन के नाम पर उस वक्त चर्चा शुरू हो गई जब वो अचानक गायब हो गए. दिल्ली से लेकर रांची तक किसी को नहीं पता था कि आखिर एक राज्य का मुख्यमंत्री कहां लापता है?
और पूरे 31 घंटे बाद सोरेन अचानक रांची में प्रकट हो गए और सीधे विधायकों की बैठक लेने लगे. गौरतलब है कि जमीन घोटाला मामले में हेमंत को कल ईडी के सामने पेश होना है और ईडी लगातार उनके ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. ऐसा शायद पहली बार हुआ था कि एक राज्य के सीएम के बारे में किसी के पास कोई सुराग नहीं था कि वो कहां हैं?
क्या पत्नी को सीएम की कुर्सी सौंपेगे सोरेन?
विधायक दल के साथ हेमंत सोरेन की बैठक की एक तस्वीर में सबसे हाईलाइट हुई कल्पना सोरेन की मौजूदगी. कल्पना सोरेन हेमंत सोरेन की पत्नी हैं और चर्चा ये हो रही है कि हेमंत सोरेन अपनी पत्नी को झारखंड के सीएम की कुर्सी सौंप सकते हैं.
31 घंटे तक कहां और कैसे लापता हो गए हेमंत सोरेन?
लेकिन ये नौबत आई क्यों और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन 31 घंटे तक कहां और कैसे लापता हो गए उसके लिए आपको सिलसिलेवार ढंग से पूरा घटनाक्रम समझाते हैं. 27 जनवरी को हेमंत सोरेन रांची से दिल्ली रवाना हुए थे. खबर सुर्खियों में रही क्योंकि राजभवन में बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम को बीच में ही छोड़कर सोरेन के दिल्ली रवाना होने की खबर आई थी.
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दसवां समन जारी करते हुए कहा था कि या तो सीएम 29 से 30 जनवरी तक पूछताछ के लिए खुद समय तय करें या फिर टीम खुद समय तय कर लेगी.
इसके बाद 29 जनवरी को सुबह 7 बजे ईडी की टीम दिल्ली में हेमंत सोरेन के आवास शांति निकेतन पहुंच पहुंची. सुबह 7 बजे शुरू हुई छापेमारी लगातार चलती रही और घर के भीतर मिले दस्तावेज ईडी जब्त करती रही. ईडी दिल्ली में सीएम सोरेन का आवास खंगाल रही थी लेकिन सोरेन घर पर मौजूद नहीं थे.
सुबह 7 बजे से रात के 8 बज चुके थे लेकिन सीएम सोरेन का कुछ पता नहीं था और ना ही ईडी कुछ बता रही थी और फिर रात करीब 11 बजे हेमंत सोरेन के घर से प्रवर्तन निदेशालय की टीम सोरेन की बीएमडब्ल्यू कार को जब्त करके अपने साथ ले गई.
ईडी को सोरेन दिल्ली आवास पर नहीं मिले लेकिन जाते-जाते वो बीएमडब्ल्यू अपने साथ ले गई और सोरेन की हरियाणा नंबर वाली महंगी कार पर बीजेपी हमलावर हो गई. ईडी के सूत्रों के मुताबिक सोरेन के घर से 1 बीएमडब्ल्यू कार, कुछ अहम दस्तावेज और 36 लाख कैश को जब्त किया गया.
लेकिन सवाल तो ये था कि चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली पहुंचे हेमंत सोरेन आखिर अचानक कहां गायब हो गए थे? हड़कंप इसलिए और भी मचा क्योंकि जिस चार्टर्ड प्लेन से सोरेन दिल्ली पहुंचे वो रनवे पर ही मौजूद था लेकिन सोरेन का कोई सुराग नहीं मिल रहा था.
अपने दिल्ली वाले घर में थे सोरेन?
27 जनवरी की रात हेमंत सोरेन अपने दिल्ली वाले घर में सोए थे. खबरों के मुताबिक, 28 जनवरी को सोरेन ने कानूनी सलाह लेने का काम किया. सूत्रों के मुताबिक हेमंत सोरेन ने बीजेपी के बड़े नेताओं से मिलने की कोशिश भी की थी. बताया जा रहा है कि हेमंत सोरेन ने 28 जनवरी को अभिषेक मनु सिंघवी से कानूनी सलाह ली और 28 जनवरी की शाम को ही प्रोटोकॉल छोड़ दिया था. उनके साथ मौजूद डीएसपी रांची वापस लौट आए थे
रांची में मौजूद अफसरों तक को खबर नहीं थी कि उनके राज्य का मुखिया आखिर है कहां? खबर मिली कि सीएम सोरेन अपनी बीएमडबल्यू कार और चार्टर्ड प्लेन दोनों को दिल्ली में ही छोड़कर निकले थे और अपने आवास से वो बाइक पर निकले थे. 29 जनवरी की दोपहर जब हेमंत सोरेन रांची पहुंचे तो खबरें आईं कि वो दिल्ली से सड़क के रास्ते रांची तक पहुंचे हैं.
लेकिन रांची पहुंचने के बाद हेमंत सोरेन जिस तरह से अपने विधायकों से मिल रहे थे उसे देखकर लग रहा था कि कुछ हुआ ही नहीं है. सबकुछ बहुत सामान्य है. पूरे 31 घंटे तक गायब रहने के बाद जब झारखंड के मुख्यमंत्री से सवाल हुआ कि वो कहां थे तो उन्होंने शायराना अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि आपके दिल में थे.