नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी 19 साल कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष रहीं और अगस्त 2019 में एक फिर कांग्रेस पार्टी की कमान अध्यक्ष के रूप में संभाली. यूपीए सरकार के दौरान भी सोनिया गांधी महिलाओं के लिए 33% आरक्षण की मांग करती रही हैं. पिछले साल भी सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत है ऐसे में महिलाओं को 33% आरक्षण मिलना चाहिए.


कांग्रेस अध्यक्ष महिला आरक्षण की पक्षधर रही हैं लेकिन जब कांग्रेस के संगठन और राज्य सरकार की बारी आती है तो सोनिया गांधी इसे लागू नहीं कर पाती. इसका ताज़ा उदाहरण झारखंड में मंत्रिमंडल विस्तार है. हेमंत सोरेन सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कांग्रेस के कुल चार मंत्री हो गए हैं. लेकिन इनमें से कोई भी महिला नहीं है. जबकि हाल ही में हुए झारखंड चुनाव में कांग्रेस के 16 विधायक जीतकर आए थे जिसमें 4 महिलाएं थी.


इसके पीछे पार्टी के रणनीतिकारों ने तर्क दिया कि चारों ही महिला विधायक पहली बार जीतकर आयी हैं इसलिए किसी को भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया. कांग्रेस की महिला विधायकों में ममता देवी, पूर्णिमा सिंह, दीपिका पांडे और अम्बा प्रसाद पहली बार चुनाव जीतकर आई हैं.


बता दें कि झारखंड में आज हेमंत सोरेन और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ. जिसमें कांग्रेस की तरफ़ से बना गुप्ता और बादल पतरलेख को शामिल किया गया. इससे पहले जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शपथ ली थी तो कांग्रेस की तरफ़ से प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम को मंत्री बनाया गया था.


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