झारखंड में गठबंधन सरकार के बीच मतभेद उभरकर सामने आ रहे हैं. गठबंधन में शामिल दलों के बीच मतभेद से प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है. कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश अध्यक्ष समेत झारखंड कांग्रेस के कई नेताओं को आज दिल्ली तलब किया है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक झारखंड में गठबंधन सहयोगियों में तनातनी के बीच कांग्रेस ने दिल्ली में झारखंड से जुड़े कुल 25 कांग्रेस नेताओं को 5 अप्रैल को एक बैठक के लिए दिल्ली बुलाया है. झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि इस बैठक में राज्य कांग्रेस अध्यक्ष, झारखंड सरकार में चार कांग्रेस मंत्री, सभी पूर्व प्रदेश अध्यक्षों और कुछ विंग के अध्यक्ष शामिल होंगे.
झारखंड कांग्रेस के 25 नेता दिल्ली तलब
बैठक के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ जारी तनाव को लेकर विस्तार से चर्चा हो सकती है. खबर है कि कांग्रेस नेता जेएमएम के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पार्टी को नजरअंदाज करन के आरोप लगा रहे हैं. झारखंड की गठबंधन सरकार में अपने वरिष्ठ सहयोगी झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा उपेक्षित महसूस करते हुए कांग्रेस के एक नेता ने सोमवार को कहा कि किसी को भी इस गफलत में नहीं रहना चाहिए कि वे उनके बिना सरकार चला सकते हैं. मुख्यमंत्री द्वारा कांग्रेस विधायक की उपेक्षा किए जाने के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस झारखंड प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि किसी को भी इस भ्रम में नहीं रहना चाहिए कि वे अकेले सरकार चला सकते हैं.
झारखंड गठबंधन सरकार में दरार!
झारखंड कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने ये भी कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को मजबूत करने का रोडमैप तय करने के लिए यह बैठक बुलाई गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस और आरजेडी के सत्तारूढ़ गठबंधन के 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायक हैं. जेएमएम के 30, कांग्रेस के 18 और आरजेडी के 1 विधायक हैं. हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में कांग्रेस के चार मंत्री शामिल हैं.
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