दुमका : देशभर की निगाहें दिल्ली के दरिदों के फांसी के फैसले का इंतजार करते करते थक गई हैं. वहीं झारखंड के दुमका से एक अच्छी खबर आई है. यहां दुमका की एक कोर्ट ने नाबालिग से रेप के बाद हत्या के मामले में तीन दिन के भीतर सुनवाई पूरी कर ली और फांसी की सजा का ऐलान भी कर दिया. इस ऐतिहासिक फैसले की दुमका समेत पूरे झारखंड में तारीफ हो रही है.
जानिए पूरा मामला -
दुमका की एक 6 साल की मासूम को उसका ही चाचा सरस्वती पूजा का मेला दिखाने के बहाने अपने साथ ले गया. वहीं उसके दो अन्य सहयोगी भी मिल गए. तीनों ने सुनसान जगह ले जाकर मासूम बच्ची के साथ दुराचार किया और उसके बाद हत्या कर दी.
हत्या के बाद तीनों ने शव को खेत में छिपा भी दिया था. मासूम के पिता की शिकायत पर मिठू राय, अशोक राय और पंकज मोहली पर मुकदमा दर्ज हुआ. तीनों आरोपियों को कोर्ट ने आइपीसी की धारा 366, 376A, 376D, 302, 201/34 के तहत दोषी करार दिया और फांसी की सजा सुनाई.
जज बोले – समाज के लिए आरोपियों का जीवित रहना उचित नहीं
फैसला सुनाने से पहले जज ने अदालत में ही मासूम के परिजनों से पूछा आपके बेटी के आरोपी सामने खड़े हैं. इनको क्या सजा देना चाहते हैं, तो परिजनों ने जज से फांसी की मांग की. इस दौरान वहां मौजूद पीड़िता की मां फूट-फूट कर रोने लगी. फैसला सुनाने के बाद जज मो. तौफीकुल हसन ने कहा कि ऐसे लोगों का परिवार और समाज के उचित नहीं है. इस मामले की सुनवाई सोमवार 02 मार्च को रात 10 बजे तक चली थी.
वहीं इसका फैसला 03 मार्च मंगलवार को सुनाया गया. गौरतलब है कि देशभर के लोग निर्भया के आरोपियों के फांसी के फैसले का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. आरोपियों के वकील एपी सिंह के कानूनी अडंगों से बार-बार फांसी टल जा रही है. ऐसे में यह खबर थोड़ा सुकुन देने वाली जरुर है.