धनबाद: झारखंड के कोयलांचल यानी धनबाद में 123 साल पुराने धनबाद-चंद्रपुरा रेलवे रूट को बंद कर दिया गया है. इस रेलवे लाइन पर 14 किलोमीटर तक जमीन के नीचे कोयले में आग सुलग रही है. साल 1894 में पहली बार इस ट्रैक पर ट्रेन चलाई गई, लेकिन अब लाखों लोग इस रूट से सफर नहीं कर पाएंगे.


जमीन के नीचे सुलग रही है आग


झारखंड का धनबाद इलाका कोयला खदानों की वजह से कोयलांचल के नाम से जाना जाता है. सरकार ने धनबाद-चंद्रपुरा रेलवे लाइन को बंद करने का फैसला किया है. करीब 34 किलोमीटर के इस रूट पर 14 किलोमीटर तक जमीन के नीचे का हिस्सा जलकर पूरी तरह खोखला हो चुका है, जिससे रेलवे लाइन धंसने का खतरा है.



धनबाद के डीआरएम एम के अखौरी ने बताया, ‘’इस इलाके में पिछले सौ सालों से आग सुलग रही है, लेकिन उस पर काबू पाने के सारे उपाय नाकाफी साबित हुए हैं. अब आग रेलवे लाइनों के नीचे से दोनों तरफ के इलाकों में फैल गई है.  रेलवे ट्रैक धंस सकता है और आसपास रहने वाले लोगों की जान को भी खतरा है.’’


साल 1894 में इस रूट पर पहली बार ट्रेन चली थी. अब इस रुट पर 19 ट्रेनों को बंद कर दिया गया है. वहीं, सात ट्रेनों का रूट बदल दिया गया है. इस रूट पर सालाना करीब सवा करोड़ यात्री सफर करते थे. रूट बंद करने से रेलवे को अब सालाना करीब 26 सौ करोड़ का नुकसान होगा.


धनबाद-चंद्रपुरा रेलवे लाइन से माइनिंग कंपनी बीसीसीएल के जरिए देश के अलग-अलग राज्यों के थर्मल पावर स्टेशनों में कोयला भेजा जाता है. इस रूट को बंद करने से अब थर्मल पॉवर स्टेशनों को कोयला संकट का सामना करना पड़ सकता है.


धनबाद के लिए नई रेलवे लाइन बनने में करीब चार से पांच साल का लंबा वक्त लग सकता है.  रेलवे प्रशासन के मुताबिक, सुरक्षित तरीकों से ट्रेनें चला रहे थे. वैकल्पिक रूट की व्यवस्था तक इसे जारी रखा जा सकता था.



यात्रियों के लिए परेशानी की बात ये है कि-


धनबाद-चंद्रपुरा के बीच ट्रेन से 33 किलोमीटर लंबा सफर करीब सवा घंटे में पूरा होता है. बस से 51 किलोमीटर लंबा सफर पौने दो घंटे में पूरा होगा. बस से सफर करने पर वक्त के साथ पैसे भी ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे. हालांकि धनबाद-चंद्रपुरा के बीच करीब 20 बसों को चलाने का फैसला किया गया है और जरूरत पड़ने पर बसों की संख्या बढ़ाई जा सकती है.


धनबाद-चंद्रपुरा रेलवे रूट बंद करने से रोजाना सफर करने वाले लोगों को परेशानी का सामना तो करना ही पड़ेगा, कई परिवारों पर रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है.


ट्रेनों का परिचालन बंद होने से लोगों में गुस्सा है, जिन्होंने आंदोलन शुरू कर दिया है. उनके मुताबिक बीसीसीएल पटरियों को उखाड़कर कोयला निकालना चाहता है. हालात को देखते हुए आठ स्टेशनों पर धारा 144 लागू कर दी गई है. प्रशासन के मुताबिक, लोगों की सुरक्षा की वजह से सरकार ने धनबाद-चंद्रपुरा रेलवे रूट को बंद करने का निर्णय लिया है. विरोध की स्थिति में सख्ती से निपटा जाएगा.