(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
झारखंड में टूटा रिकॉर्ड, दोबारा बनेगी सोरेन सरकार, क्या जेल ने बदला इतिहास?
81 सदस्यीय विधानसभा वाला ये राज्य सियासी तौर पर काफी अस्थिर रहा है. ये वही राज्य है जहां पर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे मधु कोडा राज्य के मुख्यमंत्री तक बन चुके हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में इस बार जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी. लेकिन जो परिणाम आए उससे उसकी उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है. इसके साथ ही, झारखंड चुनाव में एक रिकॉर्ड भी टूटा है और वो रिकॉर्ड है एक सरकार के दोबारा राज्य की सत्ता में आने का.
दरअसल, 81 सदस्यीय विधानसभा वाला ये राज्य सियासी तौर पर काफी अस्थिर रहा है. ये वही राज्य है जहां पर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे मधु कोडा राज्य के मुख्यमंत्री तक बन चुके हैं. ऐसे में अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां का कैसा सियासी मिजाज है. इतना ही नहीं, साल 2000 जब ये राज्य बिहार से अलग होकर बना, उसके बाद से बीजेपी की तरफ से बनाए गए मुख्यमंत्री रघुवर दास ही एक ऐसा सीएम रहे, जिन्होंने पांच साल तक अपना कार्यकाल पूरा किया था. हालांकि, उसके बाद अगले चुनाव में उन्हें भी शिकस्त का सामना करना पड़ा. यानी, इससे पहले कोई भी सरकार झारखंड की सत्ता में दोबारा नहीं आ पाई थी.
ऐसे में राजनीतिक जानकार इस बार के चुनाव में जेएमएम की जीत के पीछे एक बड़ा फैक्टर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने के भ्रष्टाचार के मामले में जेल भेजना मान रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार अभय दूबे का कहना है कि झारखंड हो या फिर महाराष्ट्र, दोनों ही राज्यों में बीजेपी की तरफ से वादों और योजनाओं में कहीं कोई कई नहीं की गई थी, उसके बाद अगर बीजेपी को हार का मूंह देखना पड़ा तो इसके पीछे का फैक्टर है- हेमंत सोरेन को जेल भेजा जाना.
अभय दूबे कहते हैं कि झारखंड और महाराष्ट्र में जो सत्ताधारी दल थे, उनकी तरफ से योजनाएं चलाई जा रही थी. उन योजनाओं को उस दलों को फायदा भी हुआ. लेकिन, झारखंड में हेमंत सोरेन को लेकर एक हमदर्दी की लहर पूरे आदिवासी इलाकों में थी.
आदिवासी इलाकों में मतदान का जब पहला दौर हुआ था, उसमें जेएमएम ने बहुत लंबी चौड़ी बाजी मारी है. इसलिए अगर बीजेपी ने हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी एक्शन नहीं लिया होता तो शायद हो सकता था कि बीजेपी झारखंड में इतनी खराब हालत में नहीं होती. इसलिए, बीजेपी की पराजय में हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को एक महत्वपूर्ण फैक्टर माना जा रहा है.