Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव में एक महीने से भी कम का समय बचा हुआ है. वहीं, बीजेपी के सामने एक नई समस्या खड़ी होती नजर आ रही है. झारखंड चुनाव के लिए बीजेपी की ओर से 66 उम्मीदवारों का ऐलान करने के साथ ही पार्टी में बागियों की तादात बढ़ने लगी है. कहा जा सकता है कि बीजेपी को अब इंडिया गठबंधन के साथ ही पार्टी के बागियों से भी जंग लड़नी पड़ेगी.


झारखंड चुनाव से ठीक पहले बीजेपी के साथ सबसे बड़ा खेला हेमंत सोरेन को हराने वाली पूर्व मंत्री लुइस मरांडी ने किया. लुइस मरांडी ने भाजपा का साथ छोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का दामन थाम लिया. लुइस मरांडी के साथ पूर्व बीजेपी विधायक कुणाल सारंगी और लक्ष्मण टुडू भी जेएमएम में शामिल हो गए.


बगावत की क्या है वजह?
चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़कर जेएमएम में शामिल हुए या निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कर रहे बागी नेताओं का दावा है कि पार्टी दलबदलुओं और परिवारवाद के चक्कर में फंस गई है. इन सभी नेताओं के टिकट कटे हैं. इस लिस्ट में केदार हाजरा, मेनका सरदार, संदीप वर्मा, लुइस मरांडी, गणेश महली, मलखान सिंह, विनोद सिंह, राज पलिवार और बाटुल झा जैसे नेता शामिल हैं. 


चंपाई सोरेन के खिलाफ भी बगावत
झारखंड के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता चंपाई सोरेन को सरायकेला सीट से टिकट दिए जाने के बाद से यहां भी बगावत के सुर तेज हो गए हैं. चंपाई सोरेन को टिकट मिलने के बाद बीजेपी के बास्को बेरा, लक्ष्मण टुडु और गणेश महली ने बगावत कर पार्टी से इस्तीफा देकर हेमंत सोरेन की जेएमएम का दामन थाम लिया है.


इन 15 सीटों पर क्या होगा बीजेपी का प्लान?
विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी को 15 सीटों पर बगावत झेलनी पड़ रही है. इनमें जमशेदपुर पूर्वी, बहरगोड़ा, सरायकेला, नाला, हुसैनाबाद, जमशेदपुर पश्चिम, रांची, बरकट्टा, सारठ, जमुआ, ईचागढ़, बिश्नुपुर, महेशपुर, मधुपुर और दुमका की विधानसभा सीटें शामिल हैं. इन तमाम सीटों पर बीजेपी को बागियों का सामना करना पड़ रहा है. ये सभी टिकट बंटवारे को लेकर नाराजगी जता रहे हैं.


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