रांचीः झारखंड की नई नवेली सरकार बने हुए अभी एक महीने से कुछ दिन ही ज्यादा हुए हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य के खजाने की स्थिति इतनी बुरी है कि वेतन देने में भी दिक्कत हो रही है, यहां तक कि कई योजनाओं को बन्द भी किया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने पिछली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली सरकार ने इतना सरकारी धन लूटा है कि राज्य की ये हालत हो गई है.


मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से पहले ही विशेष पैकेज देने की मांग की है और बजट के बाद राज्य को आदिवासी संग्रहालय मिलने के बाद निशाना साधते हुए कहा कि हमने आदिवासियों के लिए विश्वविद्यालय की मांग की थी लेकिन हमें म्यूजियम दिया जा रहा है. इसके साथ साथ ये भी कहा कि यहां के खजाने पर और योजनाओं पर पहला हक यहां के आदिवासियों का बनता है.

सभी टेंडर रद्द
राज्य के घाटे को देखते हुए मौजूदा सरकार ने राज्य के सभी टेंडर रद्द कर दिए हैं और सभी काम भी रोक दिए गए हैं, इसके साथ ही किसी भी नई योजना को शुरू नहीं करने का भी आदेश दिया गया है. पैसे की भारी कमी को देखते हुए सरकार ने 1500 करोड़ की लागत से बनने वाले सचिवालय भवन के टेंडर को भी रद्द कर दिया है और नए बोर्ड और निगम के गठन पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने कैबिनेट के अन्य मंत्रियों के साथ बैठक की है और वित्तीय मामलों को लेकर चर्चा भी की है. कहा जा रहा है राज्य के घाटे को देखते हुए सरकार श्वेत पत्र भी जारी कर सकती है.