नई दिल्ली: रांची का लहरतारा मैदान झारखंड की राजनीति में नया इतिहास लिखने जा रहा है. सोमवार को 14 साल पहले बीजेपी का साथ छोड़कर नई पार्टी बनाने वाले बाबूलाल मरांडी फिर से बीजेपी में शामिल होकर अपनी घर वापसी कर रहे हैं. झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी सोमवार यानी 17 फरवरी को बीजेपी में शामिल हो जाएंगे, इस दौरान वे अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा का भी बीजेपी में विलय कर देंगे. बाबूलाल मरांडी गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी का दामन थामेंगे.


आपको बता दें साल 2006 में बाबूलाल मरांडी ने बीजेपी में मतभेद होने के बाद पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और झारखंड विकास मोर्चा का गठन कर अलग पार्टी बना ली थी. उनके साथ पांच बीजेपी के विधायकों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और झारखंड विकास मोर्चा में शामिल हो गए थे. 14 साल बाद अब एक बार फिर से बाबूलाल मरांडी बीजेपी का रुख कर रहे हैं यह कहा जा रहा है कि इससे बाबूलाल मरांडी का वनवास खत्म होगा.


हाल ही में झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा को 5.45% वोट मिले थे और 3 विधानसभा सीटें जीतने में कामयाब हुई थी. लंबे समय से बाबूलाल मरांडी राज्य की राजनीति में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन सीमित मत और विधानसभा सीटों के साथ झारखंड की राजनीति में वे अपनी धाक नहीं जमा पा रहे थे. विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार ने बाबूलाल मरांडी के लिए बीजेपी में वापसी के रास्ते खोल दिए. अब एक बार फिर से 14 साल बाद बाबूलाल मरांडी बीजेपी के हो जाएंगे.


बाबूलाल मरांडी विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे, कॉलेज में पढ़ाई के दौरान मरांडी आरएसएस से जुड़ गए. आरएसएस से पूरी तरह जुड़ने से पहले मरांडी ने गांव के स्‍कूल में कुछ सालों तक कार्य किया. इसके बाद वे संघ परिवार से जुड़ गए. उन्‍हें झारखंड क्षेत्र के विश्‍व हिन्‍दू परिषद का संगठन सचिव बनाया गया.


90 के दशक में बाबूलाल मरांडी आरएसएस से बीजेपी में शामिल हो गए और चुनावी राजनीति में कूद गए. 1991 में मरांडी बीजेपी के टिकट पर दुमका लोकसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए. 1996 में वे फिर शिबू सोरेन से हारे, इसके बाद बीजेपी ने 1998 में उन्हें विधानसभा चुनाव के दौरान झारखंड बीजेपी का अध्‍यक्ष बनाया. पार्टी ने उनके नेतृत्‍व में झारखंड क्षेत्र की 14 लोकसभा सीटों में से 12 पर कब्‍जा किया.


1998 के चुनाव में उन्होंने शिबू शोरेन को संथाल से हराकर चुनाव जीता था, जिसके बाद एनडीए की सरकार में बिहार के 4 सांसदों को कैबिनेट में जगह दी गई इनमें से एक बाबूलाल मरांडी थे. 2000 में बिहार से अलग होकर झारखंड राज्‍य बनने के बाद एनडीए के नेतृत्‍व में बाबूलाल मरांडी ने राज्‍य की पहली सरकार बनाई.


लेकिन बाद में पार्टी के भीतर मनमुटाव हुए और उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा यह मनमुटाव इतने बढ़ गए कि आखिर में साल 2006 में बाबूलाल मरांडी ने बीजेपी को टाटा बाय बाय कर दिया. लेकिन अब एक बार फिर से काल का चक्र घुमा और बाबूलाल मरांडी बीजेपी में शामिल हो रहे हैं.


झारखंड: बाबूलाल मरांडी के BJP में जाने का असर,कांग्रेस में दिखने लगी आपसी कलह