रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सोमवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ‘नि:शुल्क कफन’ मुहैया कराने संबंधी फैसला लिया गया, जिसपर कटाक्ष करते हुए विपक्षी दल भाजपा ने कहा, ‘हुजूर ने ना दवा और न दुआओं के काबिल समझा, बेचारी जनता को बस कफन के काबिल समझा.’ भाजपा ने इस निर्णय को अपरिपक्वता की पराकाष्ठा बताते हुए इसे ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ का परिणाम बताया.


प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने सोमवार देर शाम बयान जारी कर झारखंड सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘‘इतिहास में शायद यह पहला मौका होगा जब किसी सरकार की प्राथमिकता जन स्वास्थ्य ना होकर के मृत्यु और कफन तक सीमित रह गई है.’’


उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कोरोना की दूसरी लहर और संभावित तीसरी लहर को लेकर सरकार के पास कार्ययोजनाओं का अभाव स्पष्ट झलक रहा है, किंतु सरकार के जिम्मेदार मंत्री वर्तमान परिस्थिति को राजनीतिक अखाड़ा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.


झारखंड में कोरोना वायरस से 37 की मौत, 1345 नये मामले
झारखंड में पिछले चौबीस घंटों में कोरोना वायरस के संक्रमण से 37 और लोगों की मौत हो गई और कोविड-19 के 1345 नये मामले सामने आये. स्वास्थ्य विभाग की आज जारी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 4838 पहुंच गयी है जबकि कुल मामले 330417 हो गए हैं.


राज्य में 306080 मरीज संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, वहीं 19499 अन्य संक्रमितों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में जारी है. पिछले चौबीस घंटों में राज्य में कुल 41251 नमूनों की जांच की गयी.