रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया. राज्यपाल से मुलाकात के वक्त गठबंधन दलों (कांग्रेस-आरजेडी) के वरिष्ठ नेता और विधायक मौजूद रहे. हेमंत सोरेन के साथ जेवीएम नेता बाबूलाल मरांडी, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव और आरपीएन सिंह मौजूद थे.


सोरेन 29 दिसंबर को दोपहर एक बजे मोरहाबादी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के राष्ट्रीय स्तर के अनेक नेताओं और मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया जाएगा. सोरेन ने कहा, ''हमने 50 विधायकों के समर्थन के साथ झारखंड में सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया. हमने राज्यपाल से अनुरोध किया कि उन्हें सरकार बनाने के लिए न्योता दिया जाए.''


राज्यपाल से मुलाकात से पहले गठबंधन दलों के विधायकों की बैठक जेएमएम प्रमुख और हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन के आवास पर हुई. इस बैठक में हेमंत सोरेन को औपचारिक तौर पर गठबंधन का नेता चुना गया. कांग्रेस ने आलमगीर आलम को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना है. राज्य विधानसभा के लिए चुने गये 16 विधायकों की बैठक प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई.


आलमगीर के नाम का प्रस्ताव स्वयं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने किया और इसका समर्थन पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह ने किया. विधायक दल के नेता के चुनाव की प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए केन्द्रीय नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव को केन्द्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर यहां भेजा था.


झारखंड विधानसभा चुनावों में जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन को 81 में से 47 सीटें मिली हैं. इस गठबंधन को पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की पार्टी जेवीएम का भी बिना शर्त समर्थन मिला है. जेवीएम ने तीन सीट पर जीत दर्ज की है. पिछले पांच साल तक सत्ता में रही बीजेपी झारखंड चुनाव में 25 सीट जीतने में कामयाब रही.


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