Jharkhand: ED ने झारखंड पुलिस को भेजा समन, सोरेन सरकार बोली- जांच एजेंसी कर रही अधिकारों का दुरुपयोग, SC पहुंचा मामला
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार की ओर से ईडी के अधिकारों को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया है.
ED Summons Jharkhand Police: झारखंड में राज्य पुलिस और ईडी के बीच तकरार काफी बढ़ गई है. ईडी ने कथित भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में राज्य के कई पुलिस अधिकारियों को पूछताछ के लिए समन भी जारी किया है. अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार की ओर से ईडी के अधिकारों को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया है.
सर्वोच्च न्यायालय में झारखंड सरकार ने ईडी की ओर से राज्य पुलिस अधिकारियों को भेजे गए समन को रद्द करने की अपील की है. सरकार ने कहा कि यह मामला टेंडर विवाद का है और पुलिस इसकी जांच कर रही है. केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से संबंधित पुलिस अधिकारियों को समन भेजा गया है. यह राज्य पुलिस के अधिकारों का सीधा उल्लंघन है. अदालत ने भी इस याचिका को स्वीकार कर लिया है.
जनवरी में होगी इस मामले की सुनवाई
हेमंत सोरेन सरकार की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया, "संविधान के अनुसार भारतीय दंड संहिता के तहत एक आपराधिक मामले की जांच करने की शक्ति विशेष रूप से राज्य के पास निहित है और प्रवर्तन निदेशालय, जो केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के तहत काम कर रहा है, राज्य सरकार के विशेष डोमेन का अतिक्रमण नहीं कर सकता है." सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन सरकार की याचिका को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई जनवरी में निर्धारित करने का निर्देश दिया है.
सरकार ने की थी तत्काल सुनवाई की अपील
झारखंड सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अरुनभ चौधरी ने कहा, "इस मामले में तत्काल सुनवाई की जानी चाहिए." इस पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड की पीठ ने जनवरी में सुनवाई करने पर सहमति जताई. अदालत ने कहा, "हम इसे शीतकालीन अवकाश के बाद सूचीबद्ध करेंगे." बता दें कि ईडी की ओर से पुलिस उपाधीक्षक प्रमोद कुमार मिश्र सहित अन्य पुलिस अधिकारियों को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया था.
मंत्री आलमगीर आलम से जुड़ा है मामला
इन अधिकारियों ने ही बरहरवा टोल प्लाजा निविदा मामले में मंत्री आलमगीर आलम और विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र को उनके खिलाफ प्रथमिकी दर्ज किए जाने के 24 घंटों के भीतर क्लीन चिट दे दी थी. पंकज मिश्र, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि हैं. 22 जून 2020 को शिकायतकर्ता शंभु नंदन कुमार ने यह आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराई थी कि टोल प्लाजा संचालन अधिकारों के टेंडर प्रक्रिया के दौरान उन्हें बोली नहीं लगाने की धमकी मिली थी. पुलिस ने मंत्री आलमगीर आलम और विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्र दोनों को क्लीनचिट दे दी थी. इसी मामले में ईडी ने अब संबंधित पुलिस अधिकारियों को समन भेजा है.
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