Jharkhand Ministers Press Conference: झारखंड में राजनीतिक उठापटक के बीच रविवार को मुख्यमंत्री आवास में गठबंधन दल के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें नेताओं ने वर्तमान राजनीतिक हालात को लेकर बनी असमंजस की स्थिति को लेकर अपनी बात को रखा. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने कहा कि या तो बीजेपी सीधे-सीधे सेक्शन-365 का इस्तमाल करें और राज्य सरकार को बेदखल कर दे. अगर बीजेपी में हिम्मत नहीं है तो अनरगल प्रलाप ना करे जिससे राज्य की जनता दुखी हो रही है.
उन्होंने केंद्र को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की चुनौती देते हुए कहा कि जो भी फैसला है वो दे दें, हम 24 घंटे में अपना निर्णय लेंगे, हमारे पास 50 से ऊपर की संख्या है. पीसी में मंत्री चंपई सोरेन (Champai Soren) ने कहा कि बीते 4 दिनों से खबरें आ रही हैं कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से जुड़े मामले पर भारत निर्वाचन आयोग ने अपना निर्णय राजभवन भेज दिया है. उन्होंने कहा कि राजभवन उस निर्णय से सरकार को अवगत कराए ताकि राज्य में जो स्थिति उत्पन्न हुई है उस पर विराम लग सके.
बीजेपी पर साधा निशाना
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) ने कहा कि झारखंड के सरकारी कार्य रुके हुए हैं. गठबंधन पार्टियों के बीच गहमागहमी का माहौल बना हुआ है. इसे देखते हुए राजभवन को भारत निर्वाचन आयोग के निर्णय से जल्द से जल्द अवगत कराना चाहिए. साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर भी निशाना साधा और हॉर्स ट्रेडिंग की आशंका जताई. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपनी जांच एजेंसियों के जरिए झारखंड को बदनाम करने की कोशिश की है, वो भी तब जब झारखंड के युवा मुख्यमंत्री लगातार जन हित में काम कर रहे हैं. उन्होंने निशिकांत दुबे पर निशाना साधते हुए कहा कि वे भविष्य जानते हैं क्या, जो चौकीदारी कर रहे हैं. क्यों बीजेपी भ्रम फैलाने का काम कर रही है?
राज्यपाल से किया आग्रह
उन्होंने झारखंड के राज्यपाल से आग्रह करते हुए कहा कि जो भी निर्णय है उसे सार्वजनिक करें, हम उस निर्णय का स्वागत करेंगे. हम उस निर्णय का 24 घंटे के अंदर जवाब देंगे. इस तरह से जनता परेशान हो रही है. वरिष्ठ विधायक स्टीफन मरांडी ने भी भारतीय जनता पार्टी पर हॉर्स ट्रेडिंग का खेल खेलने का आरोप लगाया है.
क्यों उठा है ये सियासी तूफान?
बता दें कि, सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के राजनीतिक भविष्य को लेकर ये सियासी उठापटक चल रही है. चर्चा है कि हेमंत सोरेन को विधायक के रूप में अयोग्य करार दिया जा सकता है. सीएम की सदस्यता को लेकर निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट राजभवन पहुंच गयी है, लेकिन अभी तक राज्यपाल ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है. वहीं हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम (JMM) ने कहा कि उनको विधायक के रूप में अयोग्य करार दिए जाने की सूरत में वह हाईकोर्ट का रुख करेंगे.
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