(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Dhanbad Judge Death Case: झारखंड HC ने CBI की थ्योरी पर जताई नाराजगी, अब आरोपियों की नार्को रिपोर्ट देखेगा हाईकोर्ट
Judge Uttam Anand Death Case: धनबाद के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज की हत्या के मामले में कोर्ट ने कहा कि यह सुनियोजित तरीके से अंजाम दी गयी हत्या की वारदात है, लेकिन CBI जांच की दिशा अब तक स्पष्ट नहीं है.
Judge Murdere Case: झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने धनबाद के जज उत्तम आनंद की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में सीबीआई (CBI) की थ्योरी पर नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायमूर्ति एस. एन. प्रसाद की खंड पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए आज कहा कि मोबाइल फोन झपटमारी की नियत से हत्या करने की बात स्वीकार करने योग्य नहीं है.
अदालत ने कहा कि इससे जुड़ा CCTV फुटेज देखने से कहीं भी ऐसा नहीं लगता है कि ऑटो चालक ने सिर्फ मोबाइल फोन छीनने के लक्ष्य से अपने सहयोगी के साथ मिलकर न्यायाधीश की हत्या कर दी. यदि ऐसा था तो उन्होंने फोन क्यों नहीं लूटा? इसपर CBI के जांच अधिकारी ने कहा कि ऑटो से न्यायाधीश को धक्का मारने के दौरान दोनों ओर से बाइकें आ रही थीं इसीलिए ऑटो चालक ने पकड़े जाने के डर से फोन नहीं लूटा.
पीठ ने CBI को निर्देश दिया कि वह इस मामले में ऑटो चालक और उसके सहयोगी की नार्को, ब्रेन मैपिंग परीक्षण की दोनों रिपोर्टें सीलबंद लिफाफे में प्रस्तुत करें. मामले की अगली सुनवाई अब 21 जनवरी को होनी है.
क्या है मामला
धनबाद के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज उत्तम आनंद की हत्या पिछले साल 28 जुलाई को ऑटो से टक्कर मारकर उस वक्त कर दी गयी थी, जब वह सड़क के किनारे मॉनिर्ंग वॉक कर रहे थे. इस मामले में सीबीआई के अब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचने पर झारखंड हाईकोर्ट ने पहले भी तल्ख टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा था कि लगता है यह मामला अनसुलझा ही रह जाएगा. सीबीआई द्वारा अदालत को बताया गया था कि जहां घटना हुई, वहां के मोबाइल टावर नेटवर्क से जुड़े 200 से अधिक लोगों से पूछताछ की गयी है, लेकिन अभी तक कुछ खास जानकारी नहीं मिल सकी है. दोनों आरोपियों का दो बार दोबारा ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट कराया गया है.
ये भी पढ़ें-