रांची: नेशनल हाईवे के दोनों तरफ 500 मीटर के दायरे में सभी शराब दुकानों को बंद करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के एक सप्ताह के भीतर झारखंड में लगभग 700 शराब दुकानें बंद कराई जा चुकी हैं. वहीं प्रदेश में अवैध बूचड़खानों के खिलाफ की गई कार्रवाई में मांस की 800 से अधिक दुकानों को बंद कर दिया गया है.


700 दुकानों को बंद करने का आदेश दिया गया: अधिकारी


उत्पाद कर विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा, "लगभग 700 शराब दुकानों को बंद करने का आदेश दिया गया है. अभियान एक अप्रैल से शुरू हुआ है. 150 से अधिक दुकानें सील कर दी गई हैं, जबकि सैकड़ों दुकानों को नोटिस जारी किया गया है."


रांची में भी कई जगहों पर बंद कराई गई शराब की दुकानें


सुप्रीम कोर्ट ने बाद में साफ किया है कि जिन कस्बों की आबादी 20,000 या उससे कम है, वहां हाईवे के दोनों तरफ 220 मीटर के दायरे में शराब की दुकानें नहीं होंगी. राजधानी रांची में अल्बर्ट एक्का चौक, रातू रोड और अन्य जगहों पर कई दुकानें बंद कराई गई हैं.


शराब की बिक्री झारखंड बीवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से होगी


झारखंड में निजी ठेकेदारों द्वारा शराब की बिक्री 31 जुलाई से बंद हो जाएगी, क्योंकि राज्य सरकार ने फैसला किया है कि ज्यादा से ज्यादा रेवेन्यू इकठ्ठा करने के लिए एक अगस्त से राज्य में शराब की बिक्री झारखंड बीवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के माध्यम से होगी. वहीं राज्य में अवैध बूचड़खानों पर भी कार्रवाई हो रही है.


800 से अधिक मांस की दुकानें बंद करा दी गई


सरकार के अवैध बूचड़खानों को बंद करने का आदेश देने के बाद 800 से अधिक मांस की दुकानें बंद करा दी गई हैं. रांची में मांस की 57 लाइसेंसी दुकानें हैं, लेकिन एक भी बूचड़खाना वैध नहीं है. रांची नगर निगम एक बूचड़खाने का निर्माण कर रहा है.


अवैध बूचड़खानों को बंद करने के लिए 72 घंटे का वक्त


झारखंड सरकार ने अवैध बूचड़खानों को बंद करने के लिए 72 घंटों का वक्त दिया है, जबकि 300 से अधिक अवैध बूचड़खाने और मांस की दुकानें सील कर दी गई हैं.


मांस की दुकानों को लाइसेंस देने की प्रक्रिया आसान होनी चाहिए: मांस विक्रेता


मांस की एक दुकान के मालिक खालिद ने कहा, "मांस की दुकानों को लाइसेंस देने की प्रक्रिया आसान होनी चाहिए. झारखंड में मांस की अधिकतर दुकानों में केवल बकरे के मांस की बिक्री की जाती है."