ED On Hemant Soren: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार (12 फरवरी) को आरोप लगाया कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक भूखंड के स्वामित्व से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच में बिल्कुल सहयोग नहीं कर रहे हैं. ईडी ने कोर्ट को अवगत कराते हुए कहा कि एजेंसी सोरेन और अन्य लोगों के खिलाफ जांच कर रही है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता सोरेन को ईडी ने 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था.
एचटी रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन एजेंसी का आरोप है कि पूर्व सीएम सोरेन ने कथित तौर पर जो जमीन अधिग्रहण की है उसके बारे में कोई भी जानकारी नहीं दी जा रही है. इसके चलते ईडी ने पीएमएलए कोर्ट से सोरेन की 4 दिन की रिमांड और मांगी थी. ईडी की मांग पर कोर्ट ने सोरेन की रिमांड 3 दिन के लिए बढ़ा दी है.
ईडी ने कोर्ट को क्या बताया?
ईडी ने कोर्ट को बताया कि सोरेन और उनके कथित करीबी सहयोगी बिनोद सिंह के बीच व्हाट्सएप पर चैटिंग हुई. इस दौरान एक बैंक्वेट हॉल की डिटेल दिखाई गई. इस बैंक्वेट हॉल का निर्माण रांची के बरगाई इलाके की 8.5 एकड़ जमीन पर करने का प्रस्ताव था. ईडी का आरोप है कि यह सोरेन की ओर से कथित तौर पर अवैध तरीके से अधिग्रहण और स्वामित्व वाली अचल संपत्ति है.
जानकारी छिपा रहे हेमंत सोरेन- ईडी
ईडी ने आरोप लगाया कि सोरेन प्रॉपर्टीज के बारे में जानकारी छुपाने के लिए व्हाट्सएप चैट पर हस्ताक्षर करने और उसको स्वीकार करने से भी इनकार कर रहे हैं. ईडी ने आगे कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री का बिनोद सिंह के साथ उनके व्हाट्सएप चैट से सामना कराया जा रहा है. इनमें अचल-संपत्तियों से जुड़ी सूचनाओं का आदान-प्रदान शामिल है.
ईडी ने हलफनामे में कोर्ट में यह भी बताया है कि 6 अप्रैल 2021 को हेमंत सोरेन की ओर से प्रस्तावित बैंक्वेट का मैप या योजना साझा की गई थी. प्रस्तावित बैंक्वेट हॉल उस 8.5 एकड़ जमीन से मेल खाता है, जिसे हेमंत सोरेन ने कथित तौर पर अवैध रूप से अधिग्रहित किया है.
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