Lok Sabha Election: कभी बम-गोलियों से गूंजता था ये इलाका, अब पहली बार मनेगा 'लोकतंत्र का पर्व', हेलीकॉप्टर से पहुंचेंगे चुनाव अधिकारी
Lok Sabha Election Jharkhand: झारखंड में लोकसभा की 14 सीटें हैं, लेकिन इनमें से कुछ सीटें माओवाद से प्रभावित जिलों में हैं. यहां पर वोटिंग करवाना थोड़ा चुनौतीपूर्ण होता है.
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Singhbhum Lok Sabha Seat: झारखंड के सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र में कई ऐसे अंदरूनी इलाके हैं, जहां आज भी माओवाद-नक्सलवाद का प्रभाव है. यहां पहले कभी बम-गोलियों की आवाज गूंजती थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान 13 मई को पहली बार या कहें दशकों बाद यहां पर मतदान करवाया जाएगा. चुनाव आयोग मतदान के लिए अधिकारियों और जरूरी सामान को हेलीकॉप्टर के जरिए इन स्थानों पर उतारेगा, ताकि एशिया के सबसे घने ‘साल’ जंगल सारंडा में रहने वाले लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके.
चुनाव अधिकारी रिमोट लोकेशन पर 118 बूथ स्थापित करने वाले हैं, जहां लोग आकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर पाएंगे. पश्चिमी सिंहभूम के डिप्टी कमिश्नर सह जिला निर्वाचन अधिकारी कुलदीप चौधरी ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि कोई भी वोटर छूट न जाए." उन्होंने बताया, "हमने ऐसे कई क्षेत्रों की पहचान की है, जहां पहली बार या लगभग दो दशक के बाद वोटिंग होगी, क्योंकि ये स्थान माओवादी उग्रवाद से बुरी तरह प्रभावित थे."
देश के सबसे ज्यादा माओवाद प्रभावित जिलों में से एक सिंहभूम
हालांकि, पिछले कुछ सालों में सिंहभूम के हालातों में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन ये उस स्तर पर नहीं है, जिसे सामान्य माना जाए. आज भी पश्चिमी सिंहभूम देश में वामपंथी उग्रवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले जिलों में से एक में शामिल है. पिछले साल यहां पर माओवाद से जुड़ी हुईं 46 घटनाएं सामने आईं, जिसमें 22 लोगों को जान गंवानी पड़ी. डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि नुगडी के मिडिल स्कूल और बोरेरो के मध्य विद्यालय जैसे मतदान केंद्रों पर पहली बार वोटिंग होगी.
चुनाव करवाने के लिए क्या है तैयारी?
डिप्टी कमिश्नर कुलदीप चौधरी ने बताया कि रोबोकेरा, बिंज, थलकोबाद, जराइकेला, रोआम, रेंगराहातु, हंसाबेड़ा और छोटानागरा जैसे दुर्गम स्थानों में 118 बूथ की पहचान की गई है. यहां पर हवाई मार्ग से अधिकारियों और जरूरी सामान को पहुंचाया जाएगा. उन्होंने बताया कि कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां चुनाव करवाने वाले अधिकारियों को चार से पांच किलोमीटर पैदल चलना होगा. इस बात को सुनिश्चित किया जा रहा है कि चुनाव अधिकारी हर क्षेत्र तक पहुंच जाएं.
उन्होंने बताया कि अधिकारियों को हेलीकॉप्टर के अलावा ट्रेन और सड़क मार्ग से भी लाया जाएगा. ट्रेन के जरिए 121 चुनाव कर्मी आने वाले हैं. इस पूरे इलाके में सुरक्षा बलों ने 15 नए कैंप बनाए हैं. डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि निर्वाचन क्षेत्र में 62 से अधिक मतदाताओं की आयु 100 वर्ष से अधिक हैं. इन 62 मतदाताओं और 85 वर्ष से अधिक आयु के 3,909 मतदाताओं के अलावा 13,703 दिव्यांगजन के लिए हमने यह सुनिश्चित किया है कि उन्हें घर पर मतदान का विकल्प मिले.
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