नई दिल्ली: झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद एक बार फिर झारखंड की राजनीति शिबू सोरेन के आसपास आ गई है. झारखंड में आदिवासी समुदाय के सबसे बड़े चेहरे माने जाने वाले शिबू सोरेन झारखंड के तीन बार सीएम रह चुके हैं.
शिबू सोरेन की गिनती झारखंड के दिग्गज और प्रभावशाली नेताओं में की जाती है. एक समय वो भी था जब शिबू सोरेन की तूती झारखंड ही नहीं दिल्ली में भी बोलती थी. उनके राजनैतिक रसूख के चलते ही उन्हें 2006 में केंद्र की सरकार ने कोयला मंत्री जैसा महत्वपूर्ण पद दिया था. झारखंड में उनकी हैसियत क्या है इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि वो पांच बार लोकसभा सांसद रहे हैं.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन ने 1970 में राजनीति में कदम रखा और बहुत जल्द उन्होंने अपनी ताकत का भी अहसास करा दिया. राजनीति में आते ही सोरेन आदिवासियों के प्रमुख नेता बन गए. वे सुर्खियों में तब आए जब उन्होंने 1975 में झारखंड से गैर आदिवासी लोगों को निकालने के लिए एक आंदोलन शुरू किया. इस आंदोलन में कई लोगों की मौत होने के बाद उनपर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया था.
शिबू सोरेन की राजनीति का सितारा यहीं चमक गया. शिबू सोरेन ने जीवन का पहला चुनाव 1977 लोकसभा का लड़ा, जिसमें उनकी हार हुई थी. वे पहली बार 1980 में लोकसभा के लिए चुने गए. इसके बाद शिबू 1989, 1991 और 1996 में लोकसभा चुनाव जीते. 2002 में वह राज्यसभा पहुंचे. इसी साल उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा देकर दुमका से लोकसभा का उपचुनाव जीता.
गरीबी में बीता बचपन
शिबू सोरेन का जीवन गरीबी में बीता. उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया जब उनके पिता की महाजनों ने हत्या कर दी थी. उस समय शिबू सोरेन की उम्र अधिक नहीं थी, बचपन में ही पिता का साया सिर से उठ जाने के बाद उनपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा. शिबू सोरेन को लकड़ी बेचनी पड़ी.
जब देना मंत्री पद से इस्तीफा
शिबू सोरेन का विवादों से भी गहरा नाता रहा है. उन पर अपने ही सचिव की हत्या आरोप लगा, तब वे केंद्र में कोयला मंत्री थे. इसके बाद एक पुराने मामले में अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.
बेटे हेमंत सोरेन रह चुके हैं सीएम
शिबू सोरेन की पत्नी रूपी किस्कू हैं जिनसे तीन बेटे दुर्गा, हेमंत और बसंत और एक बेटी अंजली हैं. हेमंत सोरेन 2013-14 में झारखंड के मुख्यमंत्री रहे थे और अब 2019 के विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद हेमंत सोरेन सीएम बनने जा रहे हैं. दुर्गा सोरेन जामा से 1995 से 2005 तक विधायक रह चुके हैं. बसंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के यूथ संगठन झारखंड युवा मोर्चा के अध्यक्ष हैं.